रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि अब जनरल डिब्बों में सीट के लिए नई बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू हो गई है। अब पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर सीटें प्रदान की जाएगी। यात्रियों को इससे फायदा मिलेगा। मुंबई से लखनऊ के बीच चलने वाले पुष्पक एक्सप्रेस में इसकी शुरुआत की गई है।दरअसल, जनरल कोच में होने वाली भारी भीड़ के कारण अक्सर यात्रियों के बीच लड़ाई-झगड़े और मार-पीट के मामले सामने आते हैं। इस व्यवस्था से यात्रियों को ऐसी अमानवीय स्थितियों से छुटकारा मिलेगा और लोग सम्मानजनक यात्रा कर सकेंगे। पहले पुष्पक एक्सप्रेस में बायोमेट्रिक की सफलता का आंकलन किया जाएगा, जिसके बाद जल्द ही ये व्यवस्था बाकी सभी रेलगाड़ियों के जनरल डिब्बों में भी लगाई जाएगी।
जनरल डिब्बों के लिए टिकट खरीदने वाले यात्रियों को बायोमेट्रिक मशीन से अपनी उंगलियों के निशान स्कैन करवाने होंगे, जिसके बाद एक टोकन जनरेट होगा। जनरेट हुए टोकन की कुल संख्या एक विशेष जनरल डिब्बों में उपलब्ध सीटों की संख्या के अनुरूप होगी। प्लेटफॉर्म पर रेक लगाने से कुछ मिनट पहले यात्रियों को टोकन पर अपने सीरियल नंबर के अनुसार एक कतार में इकट्ठा होना होगा। जनरल डिब्बों के प्रवेश बिंदु पर आरपीएफ स्टाफ टोकन क्रमांक की पुष्टि करेगा और यात्रियों को क्रमबद्ध तरीके से कोच में चढ़ने की अनुमति देगा।
इस व्यवस्था में देर से आए यात्रियों को भी बैठने दिया जाएगा। लेकिन उन्हें बैठने के लिए सीट नहीं मिल पाएगी। उन्हें खड़े रहकर या जमीन पर बैठकर यात्रा करनी पड़ेगी। जनरल डिब्बों में होने वाली भीड़ को ध्यान में रखते हुए इस व्यवस्था की शुरुआत की गई है। बायोमेट्रिक के जरिए ट्रेन यात्रा को लेकर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। सवाल यात्रियों की सुरक्षा के साथ उनकी निजता का भी है। लोगों को संदेह है कि जैसे ही ट्रेन में उनका दाखिला बायोमेट्रिक के जरिए होगा, उनका सारा निजी डेटा सरकार के पास पहुंच जाएगा। लोगों का सवाल है कि क्या उनके डेटा का गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है?