केंद्र सरकार द्वारा परिवर्तन किए जा रहे हैं.इसके लिए केन्द्रने योजना तैयार कर ली है.विदेशी विद्यार्थियों को हिंदुस्तानमें आकर उच्चएजुकेशन की पढ़ाई से जोड़ने के मकसद से ये कार् यक्रमतैयार किए जा रहे हैं.लेकिन ये कोर्स करने वाले सभी विद्यार्थियों पर लागू होंगे.
नरेन्द्र मोदी सरकारके दोबारा गठन के बादशिक्षाक्वालिटी अपग्रेडेशन एंड इन्क्लूजनकार्यक्रमके तहत इस चार वर्षीय डिग्री योजना को अगले सत्र में लागू करने के लिए तैयार किया गया है.इसे अब जल्द ही राज्यों के साथ साझा किया जाएगा.
केन्द्रसरकार के वरिष्ठऑफिसरके मुताबिक, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नेशनल हायरशिक्षाक्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएचईक्यूएफ) के तहत चार वर्षीयकार्यक्रमका खाका तैयार किया है.इसमेंबोलागया है कि अभ्यर्थियों को तीन या चारवर्षके डिग्री कोर्स का विकल्प मिलेगा.
किन कोर्सेज में लागू होगी योजना
मंत्रालय
ने इसके लिए चार वर्षीय बैचलर ऑफ लिबरल आर्ट (बीएलए)वबैचलर ऑफ
लिबरलशिक्षा(बीएलई)कार्यक्रमतैयार किया है.इसके तहत चारवर्षतक स्नातक
डिग्रीकार्यक्रमवपांचवेंवर्षस्नातकोत्तर डिग्रीकार्यक्रमके तहत पढ़ाई होगी.
वरिष्ठऑफिसरके
मुताबिक, इसमेंविद्यार्थियोंको बहुविषयक (मल्टी डिसप्लिनरी)वकौशल विकास
आधारित पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा.बीएलएवबीएलई
स्नातककार्यक्रममेंविद्यार्थियोंको बैचलर ऑफ वोकेशनल की तर्ज पर पहले,
दूसरे, तीसरेऔरचौथेसालमें जुड़ने (री-एंट्री)वबाहर जाने (एग्जिट) का
प्रावधान होगा.पहलेसालमें डिप्लोमा, दूसरासालपूरा होने पर एडवांस डिप्लोमा,
तीसरेऔरचौथेसालकी पढ़ाई पूरी होने पर स्नातक डिग्री मिलेगी.
मास्टर डिग्री एक या दोवर्षकी?
तीन
वर्षीय अंडरग्रेजुएट डिग्रीकार्यक्रममें मास्टर डिग्री दोवर्षकी ही
होगी.जबकि चार वर्षीय बैचलर ऑफ लिबरल ऑर्ट (बीएलए)वबैचलर ऑफ
लिबरलशिक्षा(बीएलई)कार्यक्रमकी पढ़ाई करने वालेविद्यार्थियोंके लिए मास्टर
डिग्री एकवर्षकी रह जाएगी.इसके तहत तीसरेवर्षके बादविद्यार्थियोंको मास्टर
डिग्री से संबंधित विषयों की पढ़ाई करवाई जाएगी.जबकि पांचवेंवर्षरिसर्च पर
फोकस रहेगा.
तीन वर्षीय बीए, बीकॉम, बीएससी मेंपरिवर्तननहीं
पंरापरागत तीन वर्षीय बीए, बीएससीवबीकॉमकार्यक्रममें कोईपरिवर्तननहीं किया
जाएगा.विश्वविद्यालयोंवउच्च शिक्षण संस्थानों में तीन वर्षीय अंडरग्रेजुएट
डिग्रीकार्यक्रमचलता रहेगा.जोविद्यार्थीतीन वर्षीय डिग्रीकार्यक्रमकी
पढ़ाई करना चाहते हैं, वे कर सकते हैं.पंरापरागत तीन वर्षीय अंडरग्रेजुएट
डिग्रीकार्यक्रममें भीविद्यार्थियोंकोमार्केटऔरउद्योग की मांगों के आधार पर
बहुविषयक पढ़ाई,शोध समेत रोजगार से जोड़ने परकार्यहोगा.