Manufacturing PMI; भारत में विनिर्माण गतिविधियों में पिछले महीने तेजी देखी गई है और मार्च में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई का आंकड़ा उत्साहजनक रहा है. एसएंडपी ग्लोबल परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) का स्तर 56.4 पर आया है.
वैसे तो मार्च की मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई के डेटा के मुताबिक विनिर्माण गतिविधियों में अच्छी बढ़ोतरी देखी गई है पर कंपनियों ने पिछले एक साल में पहली बार नौकरियों में कटौती की है.
एसएंडपी ग्लोबल के सर्वे में क्या है
एसएंडपी ग्लोबल (S&P Global) के एक हालिया सर्वे के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र के पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स यानी पीएमआई (PMI) ने वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी महीने यानी मार्च में तेज रफ्तार दिखाई है. मार्च में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई 56.4 पर आई है जो इसका पिछले तीन महीने का उच्च स्तर है. इससे पिछले महीने यानी फरवरी 2023 में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई 55.3 पर आई थी.
क्या है मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई?
मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई की संख्या अगर 50 से नीचे रहती है तो इसका मतलब होता है कि अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है. वहीं, 50 से ज्यादा आने का मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती है. देश के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर ने वित्तवर्ष 2022-23 की अंतिम तिमाही में जोरदार प्रदर्शन किया है और इसका अंदाजा मार्च महीने की पीएमआई आंकड़े से लगाया जा सकता है.
जानें इस बार के मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई के खास तथ्य
वित्त वर्ष के आखिरी के तीन महीनों में तिमाही आधार पर मांग में मजबूती और कम्पिटीटिव प्राइसिंग से मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों को सपोर्ट मिला.
कारखानों को मिलने वाले ऑर्डर और इनके उत्पादन में सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिली.
वित्त वर्ष के आखिरी के तीन महीनों में कंपनियों ने बताया है कि इस दौरान उनकी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी ने अच्छा रिस्पॉन्स दिया है.
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलीजेंस की इकोनॉमिक्स एसोसिएट डाइरेक्टर पॉलिएना डी लीमा (Pollyanna De Lima) ने कहा कि ये इस बात का भी संकेत है कि देश में घरेलू मांग को लेकर उत्साह वापस आ रहा है और ज्यादातर डिमांड ऑर्डर्स से आ रही है.