कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली पुलिस को एक ईमेल के जरिए जवाब दिया है और ख़ुद से पूछे गए सवालों से जुड़ा ब्योरा साझा करने के लिए 10 दिन का वक़्त मांगा है.
राहुल गांधी ने 10 बिंदुओं में दिल्ली पुलिस को जवाब दिया है और श्रीनगर में दिए गए भाषण के 45 दिन बाद मामले में गंभीरता दिखाने पर हैरत जाहिर की है.
राहुल गांधी ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को दस बिंदुओं में अपना शुरुआती जवाब भेजा है. बीबीसी हिंदी के पास उनके इस जवाब की एक कॉपी है.
उन्होंने कहा है,”16 जनवरी 2023 को तीन पुलिस अधिकारी प्रणव तायल, विदुषी कौशिक और अतुल कुमार उनसे मिलने आए थे. उस समय मैंने खास तौर पर कहा था कि इस संबंध में सूचना इकट्ठा करने और जवाब देने में दस दिन लगेंगे.”
“लेकिन मैं हैरत में हूं कि दस दिन बीतने से पहले ही वही पुलिस अफसर सागर प्रीत हुडा की अगुआई में नोटिस लेकर आ गए.”
अपने जवाब में राहुल गांधी ने कहा है,”ये काफी विडंबनापूर्ण है कि श्रीनगर में 30 जनवरी 2023 को दिए गए बयान के 45 दिन बाद दिल्ली पुलिस मेरे पास पहुंचना उचित समझती है. इतना ही नहीं उसे इस मामले में कार्रवाई करने की इतनी जल्दी है कि दो दिन बाद दूसरी बार मेरे पास पहुंच जाती है.”
राहुल गांधी ने पुलिस कार्रवाई को ‘अभूतपूर्व’ करार दिया. उन्होंने कहा,”मैं इसे अभूतपूर्व इसलिए कह रहा हूं कि मैं नहीं समझता कि सत्तारूढ़ या किसी दूसरी पार्टी के किसी राजनीतिक कैंपेन को इस तरह की स्क्रूटिनी और सवाल-जवाब से गुजरना पड़ा होगा.
राहुल गांधी ने लिखा है, “मुझे उम्मीद और विश्वास है कि सत्तारुढ़ दल संसद और संसद के बाहर मुझ पर (अदानी मामले समेत) जो ध्यान केंद्रित किया है, उसका इससे कोई लेना देना नहीं है.”
सियासी पारा ऊपर चढ़ा
इसके पहले राहुल गांधी के घर रविवार को दिल्ली पुलिस के कुछ अफसर पहुंचे और इसे लेकर सियासी पारा ऊपर चढ़ गया.
कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया. पुलिस टीम जिस वक़्त राहुल गांधी के घर पहुंची, तभी पार्टी के नेता वहां जुटने लगे. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और दूसरे नेताओं ने कुछ देर बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए.
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ‘अदानी मामले से घबरा गई है. अगर उन्हें महिला सुरक्षा की चिंता है तो भारत जोड़ो यात्रा ख़त्म होने के 45 दिन बाद सवाल क्यों किया गया?’
वहीं, बीजेपी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि पुलिस को जानकारी जुटाने का हक़ है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि अगर ‘राहुल जी जरा भी गंभीर हैं तो उन्हें जानकारी देनी चाहिए.’
दिल्ली पुलिस के मुताबिक भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ‘राहुल गांधी जिन रेप पीड़ित महिलाओं के बात कर रहे थे, हम उनके बारे में विस्तृत जानकारी मांगने आए हैं ताकि उन महिलाओं को न्याय दिलाया जा सके.’
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ‘महिलाओं पर हो रहे यौन हमलों’ का मामला उठाया था.
राहुल गांधी के घर पुलिस टीम पहुंची तो वहां पत्रकार भी जमा हो गए. पत्रकारों से स्पेशल कमिश्नर (क़ानून-व्यवस्था) सागर प्रीत हु़डा ने कहा, ” हम श्रीनगर में 30 जनवरी को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल के बयान पर उनसे बात करने आए हैं. इसमें उन्होंने कहा था कि उनकी कई महिलाओं से मुलाकात हुई थी. इन महिलाओं ने कहा था कि उनका रेप हुआ है. हम उनसे इस बारे में विस्तृत जानकारी लेने आए हैं ताकि उन महिलाओं को न्याय दिलाया जा सके.”
इसके दो घंटे बाद हुडा ने बताया,”दिल्ली पुलिस की राहुल गांधी के साथ बैठक हो गई है. हमने जो जानकारी उनसे मांगी है वे हमसे साझा करेंगे. उन्हें एक नोटिस दिया गया है, नोटिस उनके कार्यालय द्वारा प्राप्त किया गया है.”
राहुल गांधी के घर पर पुलिस पहुंचने के बाद से कांग्रेस नेता केंद्र सरकार पर हमलावर हो गए. कांग्रेस नेताओं ने सवाल किया कि अगर राहुल गांधी नोटिस का जवाब दे रहे हैं तो पुलिस उनके घर क्यों आई?
कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, “भारत जोड़ो यात्रा और राहुल गांधी ने लाखों महिलाओं को आजादी से घूमने, अपनी आवाज उठाने और अपना दर्द करने का सुरक्षित रास्ता मुहैया कराया है. दिल्ली पुलिस की ये नौटंकी बता रही है मोदी जी अदानी मामले में राहुल के सवालों से किस कदर हिले हुए हैं. ये उत्पीड़न इस मामले पर जवाब हासिल करने की हमारी प्रतिबद्धता और मजबूत करेगा.”
कांग्रेस के आरोप
दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर पार्टी ने इस मुद्दे को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए उठाया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत, वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और अभिषेक मनु सिंघवी मौजूद थे.
उन्होंने कहा, “राहुल के खिलाफ माहौल बनाने के लिए बदले की भावना से यह कदम उठाया गया है. राहुल को बदनाम करने के लिए धमकी और उत्पीड़न का सहारा लिया जा रहा है.” .
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, “बिना गृह मंत्रालय और ऊपर के निर्देश के यह संभव नहीं कि वो (पुलिस) यहां तक पहुंचे. जब राहुल गांधी ने कह दिया कि उन्हें नोटिस मिला है वे उसका जवाब देंगे तो इसके बावजूद पुलिस यहां पहुंची है.”
उन्होंने कहा, “इनकी हिम्मत कैसे हो गई कि यहां तक पहुंच गए. पूरा देश इनकी हरकतों को देख रहा है. देश इन्हें माफ़ नहीं करेगा. आज की हरकत बेहद गंभीर है. जांच करने से कोई इंकार नहीं कर रहा है.”
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, “हम घटनाक्रम का नियमानुसार जवाब देंगे लेकिन इस तरह से आना कहां तक सही है? भारत जोड़ो यात्रा को ख़त्म हुए आज 45 दिन हो गए, ये आज पूछ रहे हैं. ये दिखाता है कि सरकार घबराई हुई है. अभी मुझे अंदर जाने से रोका गया. क्यों रोका गया यह सड़क है यहां कोई भी आ जा सकता है.”
वहीं, कांग्रेस के कम्यूनिकेशन प्रभारी जयराम रमेश ने भी पुलिस के पहुंचने की आलोचना की है.
उन्होंने कहा, “भारत जोड़ो यात्रा को समाप्त हुए 45 दिन हो गए हैं. वो 45 दिनों बाद सवाल पूछ रहे हैं. अगर उन्हें इतनी ही चिंता थी तो वो फरवरी में ही उनके (राहुल गांधी) पास क्यों नहीं गए? राहुल गांधी की क़ानूनी टीम क़ानून के अनुसार इसका जवाब देगी.”
दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?
दिल्ली पुलिस के आला अफसरों का कहना है, “कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल की ओर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़े बयान पर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था, जिसका पुलिस ने संज्ञान लिया था. लेकिन प्राथमिक जांच में हमें ऐसा कुछ नहीं मिला.”
स्पेशल पुलिस कमिश्नर हुडा ने कहा कि जांच पूरी हो जाने पर पुलिस ने राहुल ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन वे देश से बाहर थे. जैसे ही वे लौटे हमने उनसे और जानकारी मांगी ताकि और महिलाओं का और यौन उत्पीड़न न हो सकें.
इससे पहले 16 मार्च को भी कांग्रेस नेताओं ने पुलिस के इस नोटिस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी इसके जरिये लोकतंत्र, महिला सशक्तिकरण, बोलने की आजादी और विपक्ष की भूमिका को कमजोर करने की कोशिश कर रही है.
राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान क्या कहा था?
पुलिस के मुताबिक राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अपने अनुभवों और महिलाओं को आ रही मुश्किलों का हवाला देते हुए कहा था कि उनकी मुलाकात एक लड़की से हुई जिसने उन्हें अपने हुए अत्याचार की कहानी सुनाई.
पुलिस के मुताबिक राहुल गांधी ने कहा,” एक मामले में मैंने रेप की शिकार एक लड़की से पूछा क्या मैं पुलिस को इस बारे में जानकारी दूं. उसने कहा कि पुलिस की जानकारी नहीं दें हमारी बदनामी होगी.”
राहुल गांधी को इस बयान पर घेरने की बीजेपी की कोशिश पर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार ‘अदानी-हिडनबर्ग केस पर राहुल के सवालों से हिल गई है.’
बीजेपी नेताओं ने क्या कहा?
इस मामले पर बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सवाल पूछे हैं और उन्हें पुलिस को जानकारी देने की नसीहत दी है.
हिमंत बिस्व सरमा ने श्रीनगर में दिए गए राहुल के बयान पर कहा, “अगर वो कथित यौन उत्पीड़न के शिकार महिलाओं का नाम नहीं बताएंगे तो उन्हें न्याय कैसे मिलेगा. राहुल कहते हैं कि वो चरमपंथियों से मिले हैं. क्या उन्हें इस बारे में सरकार को इसकी जानकारी नहीं देनी चाहिए.”
वहीं बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कहा, “राहुल ने अगर देश के सामने एक सांसद के तौर पर कहा है कि महिला का रेप हुआ है तो पुलिस को इसकी जानकारी हासिल करने का हक है. आज पुलिस उनके घर एक नोटिस लेकर यह अनुरोध करने गई कि वे रेप की शिकार महिलाओं के नाम बताएं. लेकिन कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र पर हमला मान लिया. वो कह रही है कि लोकतंत्र खतरे में है.”
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा, “राहुल की मानसिक स्थिति बच्चे जैसी है. उन्होंने लोकतंत्र के मंदिर, संविधान और लोगों के भरोसे को नुकसान पहुंचाया है. हमारे बूथ वर्कर तक राहुल से ज्यादा समझ रखते हैं.”