प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होकर वापस लौटे हैं। उनका यह दौरा काफी सफल माना जा रहा है। इसकी पुष्टि अमेरिका ने भी की है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने अपनी प्रेस वार्ता में कहा कि भारत ने जी20 शिखर सम्मेलन की घोषणा पर बातचीत करने में एक आवश्यक भूमिका निभाई है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए।
आपको बता दें कि दो दिवसीय G20 शिखर सम्मेलन इस सप्ताह की शुरुआत में इंडोनेशिया के बाली में संपन्न हुआ। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन, यूनाइटेड किंगडम के नए नवेले प्रधानमंत्री ऋषि सुनक सहित अन्य विश्व के शीर्ष नेताओं की उपस्थिति देखी गई।
उन्होंने कहा, “जी-20 देशों के नेताओं का यह शिखर सम्मेलन काफी सफल रहा। भारत और अमेरिका अन्य देशों के बीच भोजन और ऊर्जा के मुद्दों पर मिलकर काम कर रहे हैं। हमने वर्तमान खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा की चुनौतियों और एक लचीली वैश्विक अर्थव्यवस्था के निर्माण के प्रयासों पर चिंतन किया। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध महत्वपूर्ण थे। हम अगले साल भारत की जी-20 अध्यक्षता का समर्थन करने के लिए तत्पर हैं।”
उन्होंने कहा कि G20 शिखर सम्मेलन की घोषणा में पीएम मोदी का ‘युद्ध नहीं’ संदेश गूंज उठा। शिखर सम्मेलन के बाद एक संयुक्त घोषणा में नेताओं ने यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले की निंदा की। उन्होंने यूक्रेन से रूसी सेना की पूर्ण और बिना शर्त वापसी की मांग की।
शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने जोर देकर कहा था, “मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा। पिछली सदी में विश्व युद्ध-2 ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है। उसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति का रास्ता अपनाने का गंभीर प्रयास किया। अब हमारी बारी है।”
इस बीच भारत 1 दिसंबर से G20 की अध्यक्षता कर रहा है। संयुक्त घोषणा में,G20 सदस्यों ने यह भी कहा, “हम 2023 में भारत में, 2024 में ब्राजील में और 2025 में दक्षिण अफ्रीका में फिर से मिलने के लिए उत्सुक हैं।”