छत्तीसगढ़ में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। मौसम विभाग ने बताया कि अंबिकापुर, पेंड्रा रोड, कोरिया सहित कुछ जिलों में शीतलहर के हालात बन गए हैं। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में नवंबर के महीने से ही कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। यहां पारा 11 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है।
पेंड्रा से सटे मध्यप्रदेश के अमरकंटक में पारा 10 डिग्री तक जा पहुंचा है। इसका असर भी जिले के मौसम पर पड़ रहा है। वहीं जिले का अधिकतम तापमान 27 डिग्री तक है। शुक्रवार सुबह राजधानी रायपुर में भी हल्के बादल छाए रहे। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में हवा की रफ्तार 7 से 11 किलोमीटर प्रतिघंटा दर्ज की गई। ठंडी और शुष्क हवा के आने से लोगों को ज्यादा दिक्कत हो रही है। शाम से ही सड़कों पर सन्नाटा दिखने लगा है।
सुबह-सुबह छाने लगा कोहरा।
रात में लोग जगह-जगह अलाव तापते नजर आ रहे हैं। स्वेटर्स, रजाई और मफलर निकल चुके हैं। सुबह-सुबह घना कोहरा भी होने लगा है। आने वाले दिनों में यहां कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना जताई जा रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान यहां तापमान में बहुत मामूली गिरावट यानी 0.2 डिग्री दर्ज की गई, लेकिन पारा फिर भी सामान्य से 2.2 डिग्री कम रहा। छत्तीसगढ़ में तापमान कई जगहों पर सामान्य से नीचे पहुंच गया है। पेंड्रा से सटे अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 10 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
ठंड का आया मौसम।
सैलानियों का आना शुरू
बढ़ती ठंड के साथ ही पेंड्रा के लक्ष्मणधारा, दुर्गाधारा, झोझा जलप्रपात, बनझोरखा, सोनमुड़ा, धरमपानी, लखनघाट सहित अन्य इलाकों में पर्यटकों का आना शुरू हो चुका है। पेंड्रा शहरी क्षेत्र से भी कम तापमान दुर्गाधारा क्षेत्र में महसूस किया गया। इसके साथ ही कई स्कूलों में भी बच्चों को ठंड से बचाने के लिए धूप में बैठकर पढ़ाई कराई जा रही है।
गौकाष्ठ से बनी लकड़ियों का अलाव में इस्तेमाल
लोग गोबर से बनी लकड़ियों को जलाकर ठंड से बचने की जुगत कर रहे हैं। गोबर से बनी ये लकड़ियां आसानी से जल भी जाती हैं और प्रदूषण भी नहीं होता। इससे वनों का नुकसान भी नहीं होता है। इसकी कीमत 10 रुपए प्रति किलो है, जो लकड़ी की तुलना में बेहद सस्ती है, ऐसे में गौ काष्ठ की डिमांड लोगों के बीच काफी ज्यादा है।
गौ काष्ठ जलाने से नहीं होता पर्यावरण से नुकसान।
शीतलहर के बने हालात
उत्तर से शुष्क व ठंडी हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट हो रही है। आने वाले दिनों में राज्य के तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी। बस्तर और सरगुजा में भी कड़ाके की ठंड अभी से पड़ने लगी है। बस्तर, अंबिकापुर, पेंड्रा, कोरिया, मैनपाट, जशपुर समेत कई जगहों पर शीतलहर चल सकती है।
राजधानी रायपुर का पारा 4 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़का
एक हफ्ते के अंदर राजधानी रायपुर के न्यूनतम तापमान में भी 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने इस साल पिछले साल की तुलना में ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना जताई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अब प्रदेश में न्यूनतम तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी रहेगा। अगले हफ्ते से न्यूनतम तापमान में दो डिग्री तक की गिरावट और आ सकती है।
धूप सेंकते हुए लोग।
शुक्रवार को कृषि विज्ञान केंद्र नारायणपुर सबसे ठंडा रहा। यहां 09.5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। वहीं प्रदेश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 32.3 डिग्री सेल्सियस महासमुंद में दर्ज किया गया है।
गर्म कपड़ों को खरीदने के लिए ग्राहकों की भीड़
इधर ठंड बढ़ने के साथ ही गर्म कपड़ों को खरीदने के लिए ग्राहक दुकानों तक पहुंच रहे हैं। स्वेटर्स, मफलर, स्कार्फ, रजाईयां, कंबल की डिमांड बढ़ गई है। साथ ही हीटर, गीजर और ब्लोअर भी खूब बिक रहे ….
17 नवंबर को छत्तीसगढ़ के इन जिलों में इतना रहा न्यूनतम और अधिकतम तापमान
रायपुर- अधिकतम तापमान- 31 डिग्री, न्यूनतम तापमान- 15.6 डिग्री बिलासपुर- अधिकतम तापमान- 30 डिग्री, न्यूनतम तापमान- 14.8 डिग्री पेंड्रा रोड- अधिकतम तापमान- 27.6 डिग्री, न्यूनतम तापमान- 12 डिग्री अंबिकापुर- अधिकतम तापमान- 25.1 डिग्री, न्यूनतम तापमान- 12.5 डिग्री जगदलपुर- अधिकतम तापमान- 29.1 डिग्री, न्यूनतम तापमान- 11.9 डिग्री दुर्ग- अधिकतम तापमान- 30.8 डिग्री, …