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चुनिंदा व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता को फिलहाल टाला

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जयपुर ग्रेटर नगर निगम (Jaipur Greater Municipal Corporation) की ओर से चुनिंदा व्यवसायिक गतिविधियों के संचालन के लिए प्रस्तावित लाईसेंस की अनिवार्यता को कोरोना के कारण फिलहाल कुछ वक्त के लिए टाल दिया गया है. स्थितियां सामान्य होने के बाद इसे अनिवार्य किया जाएगा. इसी बीच निगम DOIT को प्रस्ताव भेजकर इस प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के मूड में है. जयपुर ग्रेटर नगर निगम ने कुछ वक्त पहले ये तय किया था कि कोचिंग संस्थान, लाइब्रेरी, वाचनालय, हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर, क्लीनिक, हॉस्टल और पीजी के संचालन एवं तंबाकू उत्पाद बेचने के लिए निगम से लाईसेंस लेना होगा और इनका पंजीयन करवाकर वार्षिक शुल्क भी देना होगा.

अब कोरोना के कारण बिगड़ी आर्थिक स्थितियों के चलते फिलहाल अगले एक से दो महीने के लिए इस लाइसेंस की अनिवार्यता को टाल दिया है. नगर निगम को लगातार इसको लेकर लोगों की शिकायत मिल रही थी कि आर्थिक स्थितियां बेहतर नहीं हैं. लिहाजा ये नया कर चुकाना संभव भी नही हैं. ग्रेटर नगर निगम की कार्यवाहक मेयर शील धाभाई के मुताबिक लोगों ने कुछ वक्त की छूट मांगी थी. स्थितियां सामान्य होने पर इसे लागू किया जाएगा.

DOIT को प्रस्ताव भेजने की तैयारी
इनके पंजीयन और उपयोग शुल्क की अनिवार्यता को लागू करने का फैसला फिलहाल भले ही ग्रेटर निगम ने टाल दिया हो. लेकिन ग्रेटर निगम प्रस्ताव बनाकर DOIT को भेजने की तैयारी भी कर रहा है ताकि आवेदक ऑनलाइन सिस्टम के जरिए ही लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकें और ऑनलाइन भुगतान कर उसे लाइसेंस भी मिल जाए.

कोरोना काल में निगम का फैसला स्वागत योग्य
चुनिंदा व्यवसायिक गतिविधियों के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता खत्म करने से व्यापारियों ने राहत की सांस ली है. कोचिंग संस्थान, लाइब्रेरी, वाचनालय, हास्पिटल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर, क्लीनिक, हॉस्टल आदि के संचालकों का कहना है कि कोरोना काल में वैसे ही बिजनेस एकदम ठप सा हो गया है. उस पर तीसरी लहर के डर के चलते लोग अभी बाजार में निकल नहीं रहे हैं. ऐसे में निगम का फैसला स्वागत योग्य है.