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क्या 4 जून के बाद शेयर बाजार तोड़ेगा सारे रिकॉर्ड, PM मोदी की इस बात में छिपी है हकीकत

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शेयर बाजर में लगातार उतार-चढाव का दौर चल रहा है. एक दिन बाजार गिरता है तो दूसरे दिन जमकर खरीदारी हो रही है. ऐसे में सबकी नजरें चुनावी नतीजों पर है. इस बीच पीएम मोदी का एक इंटरव्यू काफी वायरल हो रहा है. इस इंटरव्यू में पीएम मोदी भारतीय शेयर बाजार के बारे में बातें करते दिख रहे हैं. पीएम मोदी का यह बयान देश के तमाम निवेशकों को बेहद खुश कर देने वाला है. आइए जानते हैं बाजार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा |

एनडीवी को दिए एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि 4 जून को जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे उस हफ्ते में बाजार को देखना. उस हफ्ते बाजार की प्रोग्रामिंग करने वाले थक जाएंगे |

सरकारी शेयरों का जलवा

पीएम मोदी ने इस इंटरव्यू में कहा कि जिन सरकारी शेयरों पर सवाल उठाए जाते थे. उनका रिकॉर्ड देख लीजिए. सरकारी शेयरों ने बीते एक साल में निवेशकों को तगड़ा रिटर्न दिया है. जिन शेयरों का मतलब ही होता था गिरना आज वो लगातार उठ रहे हैं. सरकारी कंपनी एचएएल को 4 हजार करोड़ का रिकॉर्ड मुनाफा हुआ है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है. इसी कंपनी के लिए एक समय विपक्ष सड़कों पर जुलुस निकालता था. लोग कहते थे कि इस कंपनी का डब्बा गुल हो जाएगा. ऐसे ही रेलवे के शेयरों ने रिकॉर्ड तेजी दिखाई है, डिजिटल की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत की डिजिटल क्रांति का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है |

इन शेयरों ने दिखाया दम

सरकारी शेयरों की बात करें तो अकेले एचएएल ही नहीं बल्कि कई सेक्टर्स के शेयर है जिन्होंने निवेशकों को तगड़ा रिटर्न दिया है. आईसी हो या रेल विकास निगम, सरकारी कंपनी एमएमटीसी हो या माइनिंग करने वाली कंपनी एनएमडीसी हो सबने निवेशकों को मालामाल किया है. बैंकिग सेक्टर की बात करें तो देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई, सेंट्रल बैंक, यूको बैंक ने भी जोरदार रिटर्न दिया है. वहीं इरकॉन, एनएचपीसी समेत 56 सरकारी कंपनियों का रिटर्न शानदार रहा है. रेल विकास निगम ने एक साल में निवेशकों 138 फीसदी का रिटर्न दिया है|

आर्टिफिशियल इंटेलिंस का बनेगा लीडर

पीएम मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत इस सेक्टर में भी वर्ल्ड लीडर बनेगा. भारत के पास सबसे ज्यादा यूथ है. वहीं भारत के पास डेटा की ऐसी ताकत है जो पूरी दुनिया में किसी के पास नहीं है. दरअसल भारत में डेटा अन्य देशों के मुकाबले सस्ता है. इसलिए डिजिटल और टेक्नॉलिजी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. फूड प्रोसेसिंग से लेकर हेल्थ तक हर इंडस्ट्री में आर्टिफिशियल इंटेलिंजेंस का चलने बढ़ रहा है. एआई का बढ़ना भारत के लिए कई मायनों में सही है. इससे एक और जहां तकनीक का इस्तेमाल बढ़ेगा वहीं इसके जरिए नई नौकरियों के मौके भी खुलेंगे. इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक हेल्थकेयर इंडस्ट्री में एआई का चलन बढ़ने से आने वाले समय में करीब 27 लाख नई नौकरियां पैदा होने की संभावना है|