मोदी सरकार ने मेडिकल एजुकेशन में ऑल इंडिया कोटे के तहत ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर मुहर लगा दी है। दोनों वर्गों को इसी सत्र से आरक्षण का फायदा मिलेगा। केंद्र सरकार ने कहा है कि पिछड़ों, आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को देय आरक्षण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध, निर्णय से अन्य पिछड़ा वर्ग/आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लगभग 5,550 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
फैसले की जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारी सरकार ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष से यूजी और पीजी मेडिकल / डेंटल कोर्स के लिए ऑल इंडिया कोटा स्कीम में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण प्रदान करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। यह हमारे देश में सामाजिक न्याय का नया प्रतिमान बनाएगा।
वर्तमान में करीब 15 फीसदी यूजी, 50 फीसदी पीजी मेडिकल सीटें राज्य सरकारों द्वारा ऑल इंडिया कोटे के तहत मैनेज की जाती हैं। इसमें एससी व एसटी के लिए तो सीटें आरक्षित हैं, लेकिन ओबीसी के लिए नहीं। ओबीसी वर्ग द्वारा लंबे समय से इस मसले को सुलझाने की मांग की जा रही थी।
मंत्रियों, सांसदों ने बुधवार को मोदी को दिया था ज्ञापन
राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) के तहत मेडिकल कालेजों में प्रवेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए ऑल इंडिया कोटा लागू करने की मांग को लेकर केन्द्रीय श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव के नेतृत्व में ओबीसी वर्ग के केन्द्रीय मंत्रियों एवं सांसदों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपा था। मोदी को ज्ञापन सौंपने वालों में यादव के अलावा केन्द्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह, केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, सांसद रामनाथ ठाकुर, गणेश सिंह, सकलदीप राजभर, जयप्रकाश निषाद और सुरेन्द्र नागर शामिल थे। ज्ञापन में नीट परीक्षा में ओबीसी वर्ग के लिए केन्द्रीय कोटा लागू करने की मांग की गयी थी। पटेल ने बताया कि श्री मोदी ने ओबीसी वर्ग के होनहार युवाओं के साथ पूरी तरह न्याय करने का आश्वासन दिया है।