- डबल डोज केवल 6% को ही, प्रदेश में खतरा ज्यादा
- प्रदेश में पहली डोज भी 29 फीसदी लोगों को ही लगी
प्रदेश में केवल 6.38 फीसदी लोगों को कोरोना से बचाव की दूसरी डोज लगी है। जबकि 29.82 फीसदी लोग पहली डोज ले चुके हैं। विशेषज्ञों के अनुसार तीसरी लहर से बचने के लिए कम से कम आधी आबादी यानी 50 फीसदी लोगों को दोनों डोज लग जाना चाहिए था, तभी अच्छी तरह से बचाव हो पाता।
हर्ड इम्यूनिटी की स्थिति से प्रदेश फिलहाल कोसों दूर है, क्योंकि 65 से 70 फीसदी लोगों को डबल डोज लगने के बाद ही यह स्थिति बन सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना से बचाव का सबसे बड़ा विकल्प फिलहाल वैक्सीन ही है। अगर टीके की कमी नहीं हो तो प्रदेश में रोजाना 3.5 से 4 लाख टीके लगाने की क्षमता है। लेकिन केंद्र से वैक्सीन की नियमित सप्लाई नहीं है। इस वजह से वैक्सीनेशन तो कम हो ही रहा है, बीच-बीच में ब्रेक भी लग रहा है।
प्रदेश में अब तक 1 करोड़ 8 लाख 62 हजार 376 डोज लगाई जा चुकी है। प्रदेश में 3 लाख 8 हजार 825 स्वास्थ्य कर्मियों, 2 लाख 41 हजार 988 फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 49 लाख 93 हजार 585 और 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 33 लाख 27 हजार 797 लोगों को पहली डोज दी जा चुकी है।
दूसरी ओर 2 लाख 41 हजार 988 स्वास्थ्य कर्मियों, 2 लाख 157 हजार 293 फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 13 लाख 67 हजार 695 तथा 18 से 44 आयु वर्ग के 88 हजार 779 लोगों को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं।
इन आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 91 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, शत-प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 85 प्रतिशत नागरिकों और 18 से 44 आयु वर्ग के 25 प्रतिशत युवाओं ने कोरोना से बचाव का पहला टीका लगवा लिया है। वहीं 71 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, 74 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 वर्ष से अधिक के 25 प्रतिशत लोगों ने दोनों टीके लगवा लिए हैं।
पॉजिटिविटी रेट 1 फीसदी से नीचे
प्रदेश में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट एक फीसदी से नीचे आ गया है। मार्च के आखिरी सप्ताह में पॉजिटिविटी दर 8.5 प्रतिशत, अप्रैल में 31 प्रतिशत तथा मई के अंतिम सप्ताह में 4 प्रतिशत थी। कोरोना संक्रमण की शुरूआत से लेकर अब तक प्रदेश में 9 लाख 78 हजार 654 लोग कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं। इनमें से 8 लाख 11 हजार 904 मरीजों ने होम आइसोलेशन में रहकर व 1 लाख 66 हजार 750 मरीजों ने अस्पतालों तथा कोविड केयर सेंटर्स में इलाज कराकर कोरोना को मात दी है।
दावा: छत्तीसगढ़ पड़ोसी राज्यों से आगे
अफसरों का दावा है कि आबादी के हिसाब से टीकाकरण में प्रदेश पड़ोसी के अलावा देश के कई बड़े राज्यों से आगे हैं। बिहार, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना व राजस्थान की तुलना में छत्तीसगढ़ में टीकाकरण का कवरेज ज्यादा है। देश में टीकाकरण का राष्ट्रीय औसत करीब 22 प्रतिशत है। प्रदेश में 9 जुलाई को टीकाकरण के बाद अभी 1 लाख के आसपास टीके उपलब्ध हैं।
छत्तीसगढ़ में टीके इस तरह लगे
- पहली डोज -8946621
- दोनों डोज – 1915755
- कुल डोज- 10862376
दोनों डोज जरूरी
तीसरी लहर में कोरोना से बचाव के लिए कम से कम 50 फीसदी आबादी को दोनों डोज जरूरी है। इसके जरिए ही कोरोना के संक्रमण को कम किया जा सकता है। डॉ. आरके पंडा, एचओडी पल्मोनरी मेडिकल कॉलेज
सप्लाई नहीं
केंद्र सरकार से टीके की नियमित सप्लाई नहीं होने के कारण इसमें ब्रेक लग रहा है। टीके पर्याप्त हो तो रोजाना 3.5 से 4 लाख टीके लगाने की क्षमता रखते हैं।