एक तरफ तो कोरोना संकट की वजह से कारोबार, नौकरी, धंधा, बाजार ठप पड़ा है तो दूसरी तरफ अब महंगाई जेब जला रही है. खाने के तेल से लेकर दाल, सब्जियां, गैस सिलेंडर, दूध जैसी बुनियादी चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं और आम जनता महंगाई की मार से कराह रही है. लोग टकटकी लगाकर सरकार की ओर देख रहे हैं. सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के बूस्टर डोज जरूर दे रही है मगर उससे आम आदमी की जेब पर असर नहीं हो रहा है.
अप्रैल में रिटेल महंगाई 4.23% पर थी जो मई में बढ़कर 6.30% हो गई. वहीं थोक महंगाई दर मई में बढ़कर रिकॉर्ड 12.94 फीसदी पर पहुंच गई. जबकि मई में ही खाद्य महंगाई 1.96 % से उछाल मारकर 5.01% के स्तरों पर पहुंच गई.
मंहगाई की ये रफ्तार RBI की खतरे की सीमा रेखा भी पार कर चुकी है. कुछ महीनों में ही रिटेल महंगाई के मुकाबले थोक महंगाई ज्यादा तेजी से बढ़ी है. इसका अंजाम ये हुआ है कि किचन का बजट बिगड़ चुका है. बढ़ी हुई कीमतों ने परेशानी बढ़ा दी है.
जून में तेल की कीमतें 10 साल के उच्चतम स्तर पर
पिछले एक साल में ही खाने के तेल की कीमतों पर महंगाई की बड़ी पड़ी है. जून में ही खाने के तेल की कीमतें 10 साल के उच्चतम स्तर पर थीं. मई 2020 में 90-100 रुपये प्रति लीटर बिकने वाला तेल एक साल में 150-160 में बिक रहा है. वैसे कहावत है गरीबी में आटा गीला लेकिन महंगाई के बीच हर आम और खास लोगों की यही हालत हो गई है. खाने का तेल महंगा होने के साथ रसोई की सबसे अहम चीजों में से एक रसोई गैस के दाम भी बढ़ गए हैं.
बिना सब्सिडी वाले गैस सिलिंडर की क़ीमत 25.50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ाई गई है. हालांकि तेल और आटा के साथ ही गरीबों के जीने का आसरा कहा जाने वाला दाल रोटी भी संकट छा गया है. अब दाल पर भी महंगाई का प्रहार हुआ है. पिछले एक साल में दालों के भाव में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है.
एक साल पहले 90-95 रुपये प्रति किलो बिकने वाली अरहर की दाल अब 110-120 रुपये प्रति किलो में मिलने लगी है. इसी तरह उड़द, मूंग, मसूर, चना दाल की भी कीमतें बढ़ी हैं. वैसे आज लोगों के दिन की शुरुआत ही महंगाई से हुई है. डेयरी सेक्टर में देश की सबसे बड़ी कंपनी अमूल ने अपने दूध के दाम 2 रुपये बढ़ा दिए हैं. हालांकि आज देश भर में कई बड़े बदलाव हुए हैं जिनका असर आपके बटुए पर होने वाला है.
मारुति, हीरो मोटरकॉर्प भी बढ़ाएगा दाम
स्टील, प्लास्टिक और एलुमिनियम के दामों में उछाल के बाद मारुति, हीरो मोटरकॉर्प ने आज से ही दाम बढ़ाने का फैसला किया है. SBI ने आज से नए सर्विस चार्ज लागू कर दिए हैं. अब एक महीने में 4 बार से ज्यादा बार पैसा निकालने पर चार्ज लगेगा. लेकिन महंगाई में आग लगाने के लिए अगर सबसे ज्यादा कोई जिम्मेदार है तो है वो है फ्यूल की कीमतें. बीते हफ्तों में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने जमकर हेडलाइन बनाई.
हाल ये है कि पेट्रोल अब कुछ शहरों में 105-110 रुपये तक भी बिक रहा है.पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ने से ट्रांसपोर्ट महंगा हो गया है और ट्रांसपोर्ट महंगा होते ही दूसरी जरूरी चीजें भी महंगी हो गई हैं..
हालांकि दलीलें जो भी हो हकीकत यही है कि कोरोना काल में लाखों युवाओं के रोजगार छिन चुके हैं. लोगों का धंधा ठप पड़ा है. महामारी की वजह से परेशानी सातवें आसमान पर है.ऐसे वक्त में महंगाई की मार और भी ज्यादा पीड़ा देने वाली है.