भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इशारे पर हुई। विधायक ने मांग की है कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाए। भाजपा विधायक के आरोप पर पलटवार करते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने हिंसा के लिए भाजपा सरकार के जिम्मेदार होने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा विधायक का बयान उनके ‘मानसिक दिवालियेपन’ को दर्शाता है।
अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले बलिया के बैरिया क्षेत्र से विधायक सिंह ने मंगलवार रात अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, “दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुए उपद्रव की घटना अत्यंत निंदनीय है। इस कृत्य में शामिल लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
पार्टी नेतृत्व से हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए सिंह ने आरोप लगाया, “उपद्रव की घटना के पीछे विदेशी हाथ है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के इशारे पर यह घटना हुई। घटना के बाद किसी कांग्रेस नेता का दुख न जताना इसे प्रमाणित करता है।” इस बीच, कांग्रेस में भाजपा विधायक के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ललन कुमार ने आरोप लगाया, “ट्रैक्टर परेड के दौरान जो कुछ भी हुआ उसके लिये भाजपा सरकार, गृह मंत्रालय, पुलिस और खुफिया एजेंसियां जिम्मेदार हैं।”
कुमार ने कहा, “प्रदर्शन को बदनाम करने के लिए कुछ लोगों ने किसानों के भेष में घुसपैठ की। दीप सिद्धु एक उदाहरण है। सिद्धु भाजपा सांसद सन्नी देओल का प्रतिनिधि है…भाजपा को यह बताना चाहिए कि सिद्धु इससे कैसे जुड़ा है और उसने लालकिले पर जो किया उसके लिये उसे क्या सजा मिलेगी।” देओल ने हालांकि सिद्धु से कोई संबंध नहीं होने की बात कही है। वहीं, उत्तर प्रदेश के दिव्यांग जन सशक्तिकरण तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर ने प्रदर्शनकारी किसानों की तुलना ‘दलाल और बिचौलियों’ से की है।
उन्होंने मंगलवार को एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा “दिल्ली की सड़कों को जाम करने वाले किसान नहीं, बल्कि दलाल एवं बिचौलिये किस्म के लोग हैं। गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हुई घटना के बाद अब इनका चेहरा बेनकाब हो गया है और जनता उन्हें जान भी गई है।” राजभर ने कहा, “किसानों का काम सड़क पर ट्रैक्टर के साथ प्रदर्शन करना नहीं है। किसान हमेशा खेतों में काम करता है। वे संसद में पारित कानून का विरोध कर रहे हैं।