रायपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बस्तर संभाग प्रवास के दौरान आज कोण्डागांव जिले के बड़े राजपुर विकासखण्ड के ग्राम कोंगेरा पहुंचे, जहां पर ग्रामीणों ने उनका अभूतपूर्व स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने आदर्श गौठान कोंगेरा सहित विभिन्न स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित गतिविधियों का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री ने गौठान परिसर में संचालित बकरीपालन, कुक्कुट पालन, दोना-पत्तल निर्माण केन्द्र, दाल प्रोसेसिंग-पैकेजिंग इकाई, गोधन दुग्ध उत्पादन केंद्र सहित समूहों द्वारा तैयार किए गए विभिन्न उत्पादों व गतिविधियों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री गुरु रूद्र कुमार, प्रदेश के आबकारी एवं वाणिज्य मंत्री कवासी लखमा, कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम, केशकाल विधायक संतराम नेताम और मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे।
मुख्यमंत्री बघेल का आदर्श गौठान परिसर में बिहान समूह की महिलाओं ने पुष्पवर्षा कर लोकनर्तकों ने बस्तर के पारम्परिक आदिवासी नृत्य के साथ स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने गोठान परिसर में लगाए गए विभिन्न स्टाल का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री द्वारा समूह की गतिविधियों के बारे में पूछे जाने पर अमृता स्वसहायता समूह विश्रामपुरी की अध्यक्ष अनिता साहू ने बताया कि उनके समूह में 12 सदस्य हैं जो मिर्च, मसाला, हल्दी, धनिया का पाउडर तैयार तथा पैकेजिंग करके बेचती हैं। इससे उनके समूह को एक साल के भीतर 50 हजार रुपए की शुद्ध आय हुई है। मुख्यमंत्री ने उन्हें बेहतर कार्य के लिए बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने इसके बाद मशरूम उत्पादन यूनिट का अवलोकन किया, जिसमें प्रगति स्वसहायता समूह की जनतो मंडावी और शीतला स्वसहायता समूह की प्रेमलता नेताम ने एस्ट्रॉएड मशरूम उत्पादन एवं उनसे होने वाली आय की जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने बकरीपालन शेड, कुक्कुट पालन शेड, गोधन दुग्ध उत्पादन केन्द्र, दाल प्रोसेसिंग- पैकेजिंग कक्ष का अवलोकन कर उनकी गतिविधियों की जानकारी ली।
धान की बोरियों से तौले गए मुख्यमंत्री
आदर्श गौठान कोंगेरा के अवलोकन के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को तराजू में बिठाकर धान की बोरियों से तौला गया। स्थानीय विधायक संतराम नेताम ने उन्हें किसानपुत्र निरूपित करते हुए फूलों से सुसज्जित तराजू के एक पलड़े में मुख्यमंत्री को तथा दूसरे पलड़े में धान की बोरियों को रखा गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने गौठान परिसर में नारियल का पौधा रोपकर उसे सींचा।
ढेंकी और जांता ने दिलाई पुरातन परम्परा की याद
गौठान में ग्रामीण महिलाएं ढेंकी व जांता चलाती हुई नजर आईं, जिसे देखकर मुख्यमंत्री उत्साहित हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि ढेंकी और जांता (धान कूटने व चावल पीसने का उपकरण) छत्तीसगढ़ की पुरातन परम्परा है, जिसे संजोकर रखने की जरूरत है। ग्रामीणों ने बताया कि अंचल में आज भी इसका चलन बदस्तूर जारी है।
गाय की पूजा कर चारा खिलाया – मुख्यमंत्री बघेल ने गौठान निरीक्षण के दौरान गाय की पूजा की तथा चारा खिलाकर प्रदेश की प्रगति एवं खुशहाली के लिए आशीर्वाद मांगा। इसके बाद उन्होंने गौठान के दूसरी ओर निर्मित वर्मी टांके, वर्मी कम्पोस्ट शेड, कोटना आदि का निरीक्षण किया। साथ ही गौरी महिला स्वसहायता समूह द्वारा 2.25 एकड़ में आधुनिक तरीके से लगाए गए मुनगा, बरबट्टी, टमाटर, गोभी आदि सब्जी की पैदावार का भी मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया तथा अच्छे कार्य के लिए उनका उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर बस्तर संभाग के कमिश्नर जी.आर. चुरेन्द्र, कलेक्टर पुष्पेन्द्र मीणा, एसपी अभिषेक तिवारी सहित अधिकारी-कर्मचारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।