राजधानी में स्टेट वैक्सीन स्टोर की अकेली वैक्सीन वैन के ड्राइवर दिनेश सोनी को संभवत: पहला वैक्सीनेशन वारियर कहा जा सकता है, क्योंकि गंभीर बीमार और कोमा में चल रहे पिता को छोड़कर वह सिर्फ इसलिए छुट्टी से ड्यूटी पर लौटा, क्योंकि 28 जिलों में सिर्फ 24 घंटे में कोविशील्ड वैक्सीन पहुंचाने थे। दिनेश ने यह काम बखूबी किया। एयरपोर्ट से वैक्सीन लेकर वही आया और फिर नक्सल इलाकों में वैक्सीन पहुंचाने के लिए रात में ही वैन लेकर निकल गए।
अगले दिन शाम तक दिनेश ने 600 किमी गाड़ी चलाकर कई जिलों में वैक्सीन पहुंचा भी दी और ड्यूटी अब भी जारी है। प्रदेश में 3.32 लाख कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खेप 13 जनवरी को पहुंची। यहां के स्टेट वैक्सीन स्टोर के पास केवल एक वैक्सीन वैन है। कोविशील्ड के लिए वैक्सीन वैन ही जरूरी थी, क्योंकि इसी में ऐसे उपकरण हैं जो बाहर के मौसम का असर भीतर के तापमान पर नहीं पड़ने देते।
इसका इकलौता ड्राइवर है दिनेश सोनी। जब वैक्सीन आने वाली थी, तब उसके पिता गंभीर रूप से बीमार हुए और कोमा में चले गए। लेकिन जैसे ही अफसरों ने उसे वैक्सीन आने की सूचना दी, उसने तुरंत छुट्टी खत्म की और 12 तारीख को ही ड्यूटी पर लौट गया। ड्यूटी में आने के बाद दिनेश तब तक घर नहीं गए, जब तक वैक्सीन प्रदेश के हर जिले में नहीं पहुंच गई।
…क्योंकि पिता बोल पाते, तो खुद भेज देते
राजधानी के रहने वाले दिनेश सोनी के 63 साल के पिता रामखिलावन सोनी को पिछले साल लॉकडाउन के वक्त अप्रैल के महीने में लकवा हुआ था। धीरे-धीरे स्थिति बिगड़ती गई। वैक्सीन आने से कुछ दिन पहले पूरा शरीर ही लकवे से प्रभावित हो गया।
वे कोमा में चले गए, इसीलिए दिनेश ने छुट्टी ले ली थी। लेकिन उसका यह भी कहना है कि पिता कोमा जैसी हालत में नहीं होते, कुछ बोल पाते तो वे मुझे ड्यूटी पर जाने के लिए कहते क्योंकि इससे बड़ा मानवता का काम कुछ भी नहीं है। इसीिलए मैंने ड्यूटी पर लौटने का फैसला किया।
छुट्टी से लौटकर सजाई वैन
प्रदेश में एक ही वैक्सीन वैन है जिसको दिनेश दो दशक से चला रहे हैं। राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अमरसिंह ठाकुर बताते हैं कि दिनेश के छुट्टी पर चले जाने की वजह से विकल्प के तौर पर एक ड्रायवर को विभाग ने हायर भी कर लिया था।
चूंकि एयरपोर्ट पर डिलेवरी लेने की प्रक्रिया को दिनेश अच्छी तरह जानते हैं, इसलिए सभी चिंतित थे कि गैरमौजूदगी में दिक्कत न आए। तब दिनेश ने फोन पर ड्यूटी करने की सूचना दी। अगले दिन गाड़ी सजाई, एयरपोर्ट से वैक्सीन की डिलीवरी ली और रात में जगदलपुर भी गए।
अब वैक्सीन की रखवाली भी
स्टेट वैक्सीन स्टोर में अभी भी कोविशील्ड के बचे वायल रखे हैं। यही नहीं, पल्स पोलियो अभियान 31 जनवरी से शुरू होना है। दिनेश ड्यूटी पर रोज आ रहे हैं, वैक्सीनेशन के दौरान जिस भी वक्त वैक्सीन पहुंचाने की जरूरत होगी, वैन लेकर दिनेश ही जाएंगे।
इसकी सुरक्षा के लिए स्टोर में सीएएफ तैनात हैं। वैक्सीन के बारे में जानकार दिनेश भी सुरक्षा में इस टीम के साथ हैं। यही नहीं, 31 से पल्स पोलियो अभियान चलना है। तब भी वैक्सीन पहुंचाने की जरूरत होगी, इसलिए भी ड्यूटी कर रहे हैं।