नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 भारत की संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जिसके द्वारा सन 1955 का नागरिकता कानून को संशोधित करके यह व्यवस्था की गयी है कि 31 दिसम्बर सन 2014 के पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी एवं ईसाई को भारत की नागरिकता प्रदान की जा सकेगी। इस विधेयक में भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए आवश्यक 11 वर्ष तक भारत में रहने की शर्त में भी ढील देते हुए इस अवधि को केवल 5 वर्ष तक भारत में रहने की शर्त के रूप में बदल दिया गया है।
केंद्र में मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) के बाद अब देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने पर विचार कर रही है। अभी देशभर में सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है और अब जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू होता है तो इससे विरोध और बढ़ सकता है। समाज का एक हिस्सा अधिक संख्या में बच्चों को अच्छा मानता है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी के लिए बेहतर शिक्षा, पर्याप्त भोजन, रोजगार और बेहतर जीवन सुनिश्चित करने के लिए जनसंख्या को नियंत्रित करना चाहते हैं। राज्य मंत्री साध्वी निरंजना ज्योति ने बताया कि सीएए के बाद केंद्र सरकार अब जनसंख्या नियंत्रण कानून पर विचार कर रही है। ज्योति ने दावा किया उन्होंने इस संबंध में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पीएम मोदी स्वयं भी विचार कर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार भी जनसंख्या नियंत्रण के लिए कठोर कदम उठाने पर विचार कर रही है। सरकार उन परिवारों को कल्याणकारी योजनाओं से वंचित करने पर विचार कर रही हैं, जिनके दो से अधिक बच्चे हैं। सरकार पंचायत चुनाव में भी ऐसे लोगों को प्रतिबंधित कर सकती है, जिनके दो से अधिक बच्चे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के हवाले से कहा गया है कि विभिन्न राज्यों की जनसंख्या नीति पर अध्ययन किया जा रहा है और जो सबसे बेहतर नीति होगी उसे राज्य में लागू किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश भारत में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला प्रदेश है।
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए दो बड़े कदम उठाने पर विचार कर रही है। पहला दो बच्चों से अधिक वाले परिवारों को राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित किया जाए और दूसरा राज्य सेवा में दो से अधिक बच्चे वाले उम्मीदवारों को आने से रोक जाए। उत्तर प्रदेश की वर्तमान में जनसंख्या 22 करोड़ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 में अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में जनसंख्या विस्फोट पर अपनी चिंता पहले ही जता चुके हैं। उन्होंने कहा था कि समाज का एक छोटा हिस्सा जो अपने परिवार को छोटा रखता है वह सम्मान का हकदार है, और जो वो कर रहे हैं वह वास्तविक देशभक्ति है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी फरवरी 2019 में जनसंख्या नियंत्रण पर अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं और उन्होंने कहा था कि बढ़ती जनसंख्या ही देश में बढ़ती बेरोजगारी का प्रमुख कारण है।