71वें गणतंत्र दिवस समारोह में आतंकियों का डटकर सामना करने वाले सेना के छह वीर जवानों को शौर्य चक्र और 312 सैनिकों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लेफ्टिनेंट कर्नल ज्योति लामा, मेजर केबी सिंह, सूबेदार नरेंदर सिंह, नरेश कुमार और सिपाही कर्मदेव ओरांव को सम्मानित करेंगे। इनमें जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद होने वाले सूबेदार सोमबीर को मरणोपरांत यह सम्मान दिया जाएगा। आइए हम बताते हैं इन जवानों की वीरता की कहानी
नायक नरेश कुमार ने रेंगकर और सिपाही कर्मदेव ने हथगोले फेंककर आतंकियों को मारा
- सूबेदार सोमबीर : राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात सोमबीर सिंह 22 फरवरी 2019 को 3 आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे। आतंकियों की फायरिंग में साथी जवान को फंसा देख, वे आगे आए और आतंकियों को मार गिराया।
- नायक नरेश कुमार : पिछले साल सर्च ऑपरेशन में आतंकी के एक घर में छुपे होने की जानकारी नरेश कुमार रेंगकर उस तक पहुंचे और एक ही गोली में उसे खत्म कर दिया।
- मेजर कॉनजेंगबम बिजेंद्र सिंह : मेजर कॉनजेंगबम बिजेंद्र सिंह ने कई आतंक विरोधी अभियानों में हिस्सा लिया। पिछले साल उन्होंने न सिर्फ साथियों की आतंकी हमले में जान बचाई, बल्कि दो उग्रवादियों को खत्म भी किया।
- सिपाही कर्मदेव ओरांव : कर्मदेव ने पाक चौकी से भारी गोलीबारी के बीच 4 आतंकियों को अपनी पोस्ट की तरफ आते देख उन पर 9 हथगोले फेंके। इससे दो आतंकी ढेर हो गए।
- नायब सूबेदार नरेंदर सिंह : स्पेशल फोर्सेस के इस जवान ने एलओसी पर आतंकियों की हलचल देखी तो बिना वक्त गंवाए दो आतंकियों को मार डाला। आतंकी सेना के ठिकानों पर हमला करने की योजना बना रहे थे।
- लेफ्टिनेंट कर्नल ज्योति लामा : 11 गोरखा राइफल्स के इस अफसर ने मणिपुर में 14 आतंकियों को पकड़ा था। पिछले साल 23 जुलाई को उन्होंने दो खूंखार आतंकियों को मार डाला।