1960 में नागा लोगों ने एक सम्मलेन के जरिए कहा कि नगालैंड को भारतीय संघ का हिस्सा होना चाहिए। फिर 1963 में नागालैंड को राज्य का दर्जा दिया गया। जिसके बाद 1964 में लोकतांत्रिक ढंग से यहां के कार्यालय की स्थापना हुई। इस तरह से नागालैंड 1 दिसंबर, 1963 को भारत का 16 वां राज्य बना था।
आइए जानते हैं नागालैंड के बारे में …
- इसकी सीमा पूर्व में बर्मा से, पश्चिम में असम से, उत्तर में अरुणाचल प्रदेश से और दक्षिण में मणिपुर से मिलती है। असम के अलावा राज्य का ज्यादातर क्षेत्र पहाड़ी है। वहां की सबसे ऊंची पहाड़ी सरमती की ऊंचाई 3,840 मीटर है। यह पर्वत नागालैंड और म्यांमार के बीच प्राकृतिक सीमा रेखा का काम करती है।
- यहां के लोगों के बारे में ये भी कहा जाता है कि प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रज़ो ने बहुत से नागा लोगों को युद्ध में लड़ने फ्रांस और यूरोप भेजा था। जो लोग भारत वापस आए तो उन्होंने नागा नेशनलिस्ट मूवमेंट की स्थापना की थी। नगालैंड के नगा समुदाय के लोगों की अर्थव्यवस्था और रीति-रिवाजों का जिक्र पड़ोसी असम राज्य के अहोम साम्राज्य में मिलता है।
- नागालैंड, भारत का सबसे छोटा राज्य है। 2001 का जनगणना के मुताबिक यहां की आबादी 19 लाख 80 हजार 602 बताई गई थी। जिसमें से 67.11 % आबादी साक्षर है, जो कि राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। नागालैंड 16,579 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैला है. यहां की राजधानी कोहिमा है।
- नागालैंड की प्रमुख जनजातियां- अंगामी, आओ, चाखेसांग, चांग, खिआमनीउंगन, कुकी, कोन्याक, लोथा, फौम, पोचुरी, रेंग्मा, संगताम, सुमी, यिमसचुंगरू और ज़ेलिआंग हैं। नागालैंड में ज्यादातर लोग ईसाई धर्म के मानने वाले हैं. इसके बाद ज्यादातर लोग हिन्दू और इस्लाम धर्म के मानने वाले रहते हैं।
- नगालैंड कृषि प्रधान राज्य है, यहां की लगभग 70 फीसदी जनता कृषि पर निर्भर बताई जाती है। यहां की कुल खेती में से 70 प्रतिशत धान की खेती होती है। चावल यहां का मुख्य भोजन है। नागालैंड में धनसिरी, दिखू , डोयंग, और झांजी नदियां बहती हैं। ये ही यहां बहने वाली मुख्य नदियां हैं। यहां के ज्यादातर महोत्सव कृषि से जुड़े हैं।
- नागालैंड में भाषाई विविधता बहुत ज्यादा है। यहां के लोग तक़रीबन 36 अलग-अलग भाषा और बोलियां बोलते हैं। यहां की मुख्य भाषा नागा है।