भारत में तेजी से बढ़ रही एयर कंडीशनर की संख्या ग्लोबल वार्मिंग पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वर्तमान में कुल 1.40 करोड़ यूनिट एयर कंडीशनर लगे हुए हैं। साल 2050 तक इनकी संख्या 100 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं दुनिया भर में वर्तमान में 120 करोड़ एसी काम कर रहे हैं। 2050 तक इनकी संख्या 450 करोड़ हो जाएगी। माना जा रहा है कि इनकी संख्या बढ़ने से धरती के तापमान में भी वृद्धि होगी। जिसका मानव सहित दूसरे जीव-जन्तुओं पर बुरा असर पड़ेगा।
धरती की 10 फीसदी बिजली की खपत करते हैं एयर कंडीशनर
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार धरती पर उत्पादित कुल बिजली का 10 फीसदी केवल एयर कंडीशनर खपत कर जाते हैं। क्योंकि वर्तमान में उपयोग की जाने वाली एयर कंडीशनर का मॉडल करीब 100 साल पहले बनाया गया था।
भारत सरकार की ग्लोबल कूलिंग प्राइज स्पर्धा
देश में तेजी से बढ़ते एयर कंडीशनर की संख्या को देखते हुए भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग्लोबल कूलिंग प्राइज स्पर्धा लॉन्च की है। इस प्रतियोगिता का आयोजन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अमेरिका के रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर की है।
इस प्रतियोगिता के शुरुआती दौर में 95 देशों के 2100 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। जिसके बाद आठ टीमों को शार्टलिस्ट किया गया। जिसमें भारत की तीन, अमेरिका की तीन, चीन और ब्रिटेन की एक-एक टीम शामिल है। इनमें से प्रत्येक टीम को नए एसी का प्रोटोटाइप बनाने के लिए दो लाख डॉलर की राशि दी गई है।
नवंबर 2020 में होगी विजेता की घोषणा
इन सभी प्रोटोटाइप्स का परीक्षण साल 2020 में गर्मी के मौसम में दिल्ली में 60 दिनों तक किया जाएगा। जो भी टीम इस प्रतियोगिता की विजेता बनेगी उसे 10 लाख डॉलर का इनाम दिया जाएगा।