एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह से उद्योगपति राहुल बजाज ने कुछ तीखे सवाल किये. उन्होंने मॉब लिंचिंग और सांसद साध्वी प्रज्ञा के नाथूराम गोडसे को लेकर दिए बयान में उचित कार्रवाई ना किये जाने का ज़िक्र तो किया ही साथ ही ये भी कहा कि लोग ‘आपसे’ डरते हैं.
राहुल बजाज ने कहा, “‘हमारे उद्योगपति दोस्तों में से कोई नहीं बोलेगा, मैं खुलेतौर पर इस बात को कहता हूं… एक माहौल तैयार करना होगा… जब यूपीए 2 सरकार सत्ता में थी, तो हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे. आप अच्छा काम कर रहे हैं, उसके बाद भी, हम आपकी खुले तौर पर आलोचना करें इतना विश्वास नहीं है कि आप इसे पसंद करेंगे.”
इसके साथ ही बजाज ने आर्थिक स्थिति को लेकर भी अपनी और अपने साथी उद्योगपतियों की चिंता का ज़िक्र किया.
इसके बाद राहुल बजाज की टिप्पणी का उत्तर देते हुए अमित शाह ने कहा कि किसी को भी किसी से डरने की आवश्यकता नहीं है और जैसा कि आप कह रहे हैं कि डर का एक ऐसा माहौल बना है तो हमें इस माहौल को बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए. मैं इतना स्पष्ट तौर पर कहना चाहूंगा कि किसा को डरने की ज़रूरत नहीं और ना ही कोई डराना चाहता है.
इस मौके पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रेल व वाणिज्य मंत्री पीयूश गोयल भी मंच पर मौजूद थे.
साथ ही मुकेश अंबानी, कुमार मंगलम बिड़ला, सुनील भारती मित्तल जैसे बड़े उद्योगपति भी कार्यक्रम में शामिल थे.
राहुल बजाज के इस बयान से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नेशनल इकोनॉमी कॉनक्लेव के दौरान समाज में ‘डर के प्रत्यक्ष माहौल’ पर बात की थी.
उन्होंने कहा था, ”कई उद्योगपति मुझे बताते हैं कि वो सरकारी प्राधिकरणों के उत्पीड़न के माहौल में रह रहे हैं… उद्योगपति नई परियोजनाएं शुरू करने से पहले घबराते हैं. इस माहौल में उनके अंदर असफ़लता का डर रहता है.”
इस ख़बर को इंडियन एक्सप्रेस ने पहले पन्ने पर प्रकाशित किया है.
राष्ट्रपति का अभिनेता डी कैप्रियो पर आरोप- जंगल में आग के लिए ‘ज़िम्मेदार‘
हॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता लियोनार्डो डी कैप्रियो पर ब्राज़ील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने आरोप लगाया है कि अमेज़न के वर्षा वनों में आग लगवाने के पीछे डी कैप्रियो का हाथ था.
हिंदुस्तान की ख़बर के मुताबिक़, एक लाइव संदेश देने के दौरान बोल्सोनारो ने कहा कि अभिनेता ने अमेज़न के वर्षा वनों में आग लगवाने के लिए पैसे दिए थे. उन्होंने कहा कि कैप्रियो ब्राज़ील के ख़िलाफ़ साज़िश का एक हिस्सा है. ब्राज़ील के वर्षा वनों में अगस्त महीने में आग भड़की थी जो अभी भी जारी है.
वहीं इससे पूर्व अमेज़न के जंगलों में लगी आग के लिए बोल्सेनारों की नीतियों को दोष दिया जा रहा था कि उन्होंने अनियमितताओं का समाधान नहीं निकाला.
इसी अख़बार की एक अन्य ख़बर के मुताबिक, मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात उद दावा के प्रमुख हाफ़िज़ सईद के ख़िलाफ़ ‘आतंकी फंडिंग’ मामले में मुकदमा चलेगा. अदालत ने इसके लिए सात दिसंबर की तारीख़ तय की है.
नाबालिग रहते हुए अगर अपराध हुआ तो भी मिलेगी सरकारी नौकरी
नाबालिग रहते हुए अगर किसी से अपराध हुआ हो और आरोप सही भी पाया जाए तो भी उस शख़्स को सरकारी नौकरी से वंचित नहीं किया जा सकता.
इसका मतलब ये हुआ कि उसे उसके पुराने रिकॉर्ड में आपराधिक मामला दर्ज होने के प्रमाण होने के बावजूद सरकारी नौकरी से वंचित नहीं किया जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट ने सीआईएसएफ के सब इंस्पेक्टर पद पर एक आवेदक के मामले में फ़ैसला देते हुए यह कहा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फै़सले में कहा कि मौजूदा मामले में यह तथ्य सामने है कि जब अपराध हुआ और आरोप तय हुआ तब आवेदक नाबालिग था. वह मामले में बरी हो गया. लेकिन इस आधार पर कि उसने नाबालिग होते हुए अपराध किया था, नौकरी से वंचित नहीं किया जा सकता. इस ख़बर को नवभारत टाइम्स ने प्रकाशित किया है.
संसद के आगे प्रदर्शन कर रही अनू दूबे क्यों हैं चर्चा में?
“आख़िर क्यों मैं अपने ही देश में सुरक्षित महसूस नहीं कर सकती?” हाथ में एक तख़्ती लिए एक लड़की संसद भवन के गेट नंबर 2-3 पर प्रदर्शन करती नज़र आई. और देखते ही देखते यह तस्वीर वायरल हो गई.
करीब 20 साल की यह लड़की संसद भवन के सामने देश में महिलाओं की स्थिति के विरोध में प्रदर्शन कर रही थी. पुलिस ने उन्हें विरोध जारी रखने के लिए जंतर मंतर जाने को कहा लेकिन उन्होंने वहां से हटने से इनक़ार कर दिया. इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. हालांकि बाद में उन्हें छोड़ भी दिया गया.