Home समाचार शिवसेना ने बीजेपी से नाता तोड़ा, सांसद अरविंद सावंत ने मोदी मंत्रिमंडल...

शिवसेना ने बीजेपी से नाता तोड़ा, सांसद अरविंद सावंत ने मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा…

49
0

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच सियासी संग्राम के बाद अब शिवसेना ने बीजेपी से ३० साल पुराना गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया है जिसके तहत शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया.सावंत ने खुद ट्वीट कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी. बता दें कि शिवसेना ने बीजेपी के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था और शिवसेना सांसद सावंत को मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी गई थी. फिर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ने के बावजूद बीजेपी और शिवसेना अपनी-अपनी शर्तों के चलते गठबंधन में सरकार नहीं बना पा रहे हैं और हालात ये हो गए हैं कि सरकार बनाने के लिए शिवसेना विरोधी एनसीपी की शर्त मानने को राजी हो गई है, जिसने हिंदुत्व के विचार पर चल रहे दशकों पुराने बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की राहें अलग कर दी हैं.

गौरतलब हो कि 1989 में बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन हुआ था. ये वो वक्त था जब शिवसेना की कमान उसके संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के हाथों में थी, जो हिंदुत्व का बड़ा चेहरा थे. बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन भी हिंदुत्व के विचार पर ही आगे बढ़ा. बाला साहेब ठाकरे के जिंदा रहने तक दोनों पार्टियां का गठबंधन बदस्तूर चलता रहा लेकिन 2012 में उनके निधन के बाद जब 2014 में विधानसभा चुनाव हुए तो शिवसेना और बीजेपी अलग हो गईं. दोनों पार्टियों ने अपने-अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ा. हालांकि, बाद में शिवसेना देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गई. दिलचस्प बात ये है कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में शिवसेना पांच साल तक महाराष्ट्र की सरकार में रही, लेकिन उसके नेताओं ने कोई ऐसा मौका नहीं चूका जब बीजेपी और सरकार की आलोचना न की हो. यहां तक कि केंद्र की मोदी सरकार पर टिप्पणी करने से भी शिवसेना नेता पीछे नहीं रहे.

5 साल खटास के बावजूद बीजेपी और शिवसेना ने 2019 का लोकसभा चुनाव साथ लड़ा. हालांकि, शिवसेना ने 50-50 फॉर्मूले के तहत सत्ता की बराबर भागीदारी की शर्त पर ही साथ चुनाव लड़ने का फैसला लिया. लेकिन अक्टूबर में जब विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना भिड़ गईं. शिवसेना ने 50-50 फॉर्मूले में ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री के पद का वादा याद दिलाया, तो बीजेपी की तरफ से फडणवीस ने दो टूक कह दिया कि ऐसा कोई वादा था ही नहीं. लिहाजा, दोनों पार्टियां में इस बात पर ठन गई, जिसका नतीजा ये हुआ कि राज्यपाल का ऑफर मिलने के बावजूद बीजेपी को कहना पड़ा कि वह अपने दम पर सरकार नहीं बना सकती है. 10 नवंबर को बीजेपी के इस ऐलान के तुरंत बाद महाराष्ट्र में सियासी समीकरण बदल गए और एनसीपी ने शिवसेना को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने पर शर्त रख दी. एनसीपी ने कहा कि शिवसेना को एनडीए से बाहर होना पड़ेगा और उसके मंत्री को मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ेगा. एनसीपी की इस शर्त को 24 घंटे भी नहीं गुजरे कि शिवसेना कोटे से केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया.