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छत्तीसगढ़ : महंगे मटेरियल और बाजार में गिरते भाव से स्टील इंडस्ट्री संकट में

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भिलाई इस्पात सयंत्र के वायर रॅाड मिल में कार्मिकों को उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित किया गया। लक्ष्य कार्यशाला का आयोजन किया गया।

आज के दौर में इस्पात संयंत्र एवं इस्पात उद्योग दोनों ही चुनौतियों का सामना कर रहे है। एक तरफ संयंत्र को रॉ-मटेरियल की बढ़ती कीमतें एवं दूसरी तरफ बाजार में उत्पाद के मूल्य में आई अचानक गिरावट से इस्पात उद्योग में मायूसी छायी हुई है। इन दोनों चुनौतियो से घिरे होने के कारण भिलाई इस्पात सयंत्र के कार्मिको का आत्मविश्वास में आयी कमी के कारण मनोबल भी कमजोर हुआ है। जबकि इन्हीं कार्मिको ने भिलाई इस्पात सयंत्र को अनेको बार पीएम ट्राफी दिलाकर संयंत्र को गौरवान्वित किया था।

संयंत्र अपने पुराने गौरवशाली दौर को पुनः प्राप्त करने के लिए प्रबंधन द्वारा अनेक कार्यक्रमों एवं योजनाओं पर कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में लक्ष्य जैसी अभिनव कार्यशाला का आयोजन किया गया। लक्ष्य कार्यशाला में कार्मिकों को समस्याओं को पहचानना, विश्लेषण करना’ योजना बनाना, टीम भाव से क्रियान्वयन करना आदि अनेक गुणो से ओत-प्रोत इस कार्यशाला में बड़ी संख्या में वायर रॉड मिल के कार्मिको ने भाग लिया। सौरभ सिन्हा ने इस वर्कशॉप में विभिन्ना टीमें बनाकर उनको अलग-अलग चुनौतियों से सामना करते हुए एक बेहतर परिणाम कैसे प्राप्त कर सकते हैं, इस पर बारिकियो का विस्तृत अध्ययन करवाया।

मुख्य अतिथि महाप्रबंधक प्रभारी जी. सेनगुप्ता ने वायर रॉड मिल के प्लांट के पुराने इतिहास कि उपलब्धियां बताई। वर्तमान समस्या से अवगत कराया। इस तरह के महत्वपूर्ण वर्कशाप से विभाग के लिए लाभदायक बताते हुए भविष्य मे ऐसे वर्कशॉप का और आयोजन करने का भी आश्वासन दिया। डीजीएम प्रभारी अजय बेदी व डीजीएम जेवीयर बेक ने भी विचार व्यक्त किए। वर्कशॉप का संचालन डीजीएम एचआरडी सौरभ सिन्हा ने किया।