पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पर गुरुवार की रात एफआइआर के बाद शुक्रवार को इसकी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेशाध्यक्ष अमित जोगी की अगुवाई में पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइन थाने पहुंचकर जमकर हंगामा मचाया।
अमित ने कहा कि जब रात के अंधेरे में मेरे पिता के खिलाफ एफआइआर हो सकती है तो दिन के उजाले में मुझे भी गिरफ्तार करें। यही नहीं अमित ने थाना प्रभारी के सामने अपने जाति प्रमाण पत्र को लहराते हुए कहा कि अगर हाई कोर्ट के आदेश की अवेहलना करनी है तो मेरा जाति प्रमाण पत्र भी रद कर दें।
छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सुप्रीमो जोगी पर गुरुवार रात सिविल लाइन थाने मे हुई एफआइआर की कार्रवाई ने तूल पकड़ लिया है। इसे असंवैधानिक करार देते हुए जकांछ के प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व सीएम के पुत्र अमित जोगी ने कार्यकर्ताओं के साथ सिविल लाइन थाने पहुंचकर ज्ञापन सौंपा है।
अमित ने हाई कोर्ट के उस आदेश की कॉपी भी दी है जिसमें उनसे उनकी कंवर जनजाति के अधिकार को नहीं छीनने के साफ निर्देश हैं। जकांछ प्रदेशाध्यक्ष ने ज्ञापन के साथ अपनी जाति प्रमाण पत्र संलग्न कर खारिज करने और एफआइआर दर्ज करने की मांग की है।
सिविल लाइन थाना प्रभारी को सौंपे ज्ञापन अमित ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी समीरा पैकरा की मेरे विरुद्घ चुनाव याचिका को खारिज करते समय हाई कोर्ट ने 30 जनवरी 2019 को कंडिका 60 में आदेश किया था कि संविधान और अनुसूचित जनजाति आदेश 1950 के तहत किसी को कंवर जनजाति के तहत प्राप्त अधिकार को छीनने का अधिकार नहीं देता।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा गठित राज्य स्तरीय जाति प्रमाणीकरण उच्च स्तरीय छानबीन समिति के 23 अगस्त 2019 को मेरे पिता अजीत जोगी की जाति निरस्त करने वाले आदेश में सबसे बेतुकी और हास्यास्पद दलील उसकी कंडिका 12(8) में यह दी गई है कि हाई कोर्ट का ये आदेश केवल अमित जोगी पर लागू होगा, उनके पिता पर नहीं।
आज तक बेटे की जाति बाप के नाम से जानी जाती थी,लेकिन समिति के सदस्य स्वामी भक्ति में विलीन होकर उल्टी गंगा बहा रहे हैं। अमित ने कहा कि जिस प्रकार से भूपेश बघेल सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को एक प्रशासनिक आदेश के माध्यम से खारिज करने का अवैधानिक दुष्प्रयास किया है, मुझे कोई संदेह नहीं है कि अब छत्तीसगढ़ में भारत के संविधान, विधान और कानून के राज की जगह कुछ और ही राज स्थापित हो गया है।
मेरे पिताजी को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है
जकांछ प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह न्यायालय के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर राजनीतिक विद्वेषवश इस तरह की कार्रवाई की गई है। इससे साफ है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। मुझे और मेरे पिता सहित हजारों समर्थकों को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। देर से ही सही हमें न्याय मिलेगा।