देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटाई जाएगी और अब उनके पास सिर्फ जेडप्लस की सुरक्षा का कवर रहेगा। गृह मंत्रालय ने अब उन्हें केंद्रीय सुरक्षा बल का सुरक्षा कवर देने का फैसला किया है। देश में बड़े नेताओं और अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान की जाती है, समीक्षा करने के बाद सरकार जेड प्लस, जेड, वाई या एक्स कैटगरी की सुरक्षा देने का फैसला करती है। भारत में सुरक्षा व्यवस्था को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है
जेड प्लस (Z+) (उच्चतम स्तर), जेड (Z), वाई (Y) और एक्स (X) श्रेणी की सुरक्षा भारत में प्रदान की जाती है। भारत सरकार इस बात का फैसला ले सकती है कि इन चार श्रेणियों में किसे कौन से स्तर की सुरक्षा देनी है। सरकार खतरे के आधार पर यह वीआईपी सुरक्षा प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, पार्षद, नौकरशाह, पूर्व नौकरशाह, जज, पूर्व जज, बिजनेसमैन, क्रिकेटर, फिल्मी कलाकार, साधु-संत या आम नागरिक किसी को भी दे सकती है। समय-समय पर इसकी समीक्षा भी की जाती है।
एसपीजी
एसपीजी सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा है जो वर्तमान प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों को दी जाती है। SPG देश के सबसे जांबाज जवान कहे जाते हैं। विशेष सुरक्षा दल (Special Protection Group- SPG) 2 जून, 1988 में भारत की संसद के एक अधिनियम द्वारा बनाया गया था, जिसका हेडक्वार्टर दिल्ली में है। एसपीजी विशेष सुरक्षाबलों में से एक है। इन जवानों का चयन पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स से किया जाता है और ये गृह मंत्रालय के अधीन हैं। एसपीजी देश की सबसे पेशेवर एवं आधुनिक हथियारों से लैस सुरक्षाबलों में से एक है। मनमोहन सिंह को मिले एसपीजी कवर को अब हटा लिया गया है। उन्हें जेड प्लस सुरक्षा कवर दिया गया है।
क्या है जेड प्लस सुरक्षा
जेड प्लस कैटेगरी सुरक्षा देश की स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के बाद दूसरे नंबर की सबसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। इस सुरक्षा व्यवस्था में 55 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। 55 सुरक्षाकर्मियों में 10 से अधिक एनएसजी कमांडो होते हैं। इसके अलावा पुलिस अफसर होते हैं। इस सुरक्षा में पहले घेरे की जिम्मेदारी एनएसजी की होती है जबकि दूसरी लाइन कमांडों की होती है। इसके अलावा आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान भी जेड प्लस सुरक्षा कैटैगरी में शामिल होते हैं। साथ ही जेड प्लस में एस्कॉर्ट्स और पायलट वाहन भी दिए जाते हैं। मनमोहन सिंह को फिलहाल, यही सुरक्षा प्रदान की गई है।
जेड श्रेणी
जेड श्रेणी की सुरक्षा में चार से पांच एनएसजी कमांडो सहित 22 सुरक्षागार्ड तैनात रहते हैं। इसमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीए के कमांडो और स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं। सरकार ने पिछले दिनों सुरक्षा की समीक्षा के बाद कई वीआईपी लोगों को विभिन्न श्रेणियों में दिए जाने वाले प्रोटेक्शन में बदलाव किया है।
वाई श्रेणी
ये सुरक्षा का तीसरा स्तर होता है। कम खतरे वाले लोगों को ये सुरक्षा दी जाती है। इसमें कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। इनके साथ 2 कमांडो तैनात होते हैं। गृह मंत्रालय समय-समय पर वीवीआईपी के खतरे का आकलन करता है और उसी मुताबिक किसी की सुरक्षा बढ़ाई या घटाई जाती है।
एक्स कैटेगरी
सबसे आखिर में आती है एक्स कैटेगरी की सुरक्षा, जिसमें दो सुरक्षा गार्ड होते हैं। इनमें एक पीएसओ शामिल होता है। देश में कई लोगों को ये सुरक्षा प्राप्त है। इस सुरक्षा में कोई कमांडो शामिल नहीं होता है। हाल ही में गृह मंत्रालय ने लालू प्रसाद यादव समेत कई बड़े नेताओं की सुरक्षा कवर की समीक्षा कर सुरक्षा घटाई थी, इसके अलावा बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्रा, यूपी बीजेपी के नेता संगीत सोम, बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रुड़ी की सुरक्षा भी घटाई गई थी।