खेती-किसानी – किसान धान-गेहूं की खेती के साथ-साथ फूलों की भी बड़े स्तर पर फार्मिंग करते हैं. कोई गुलाब की खेती कर रहा है, तो कोई गेंदे की. लेकिन आज हम एक ऐसी प्रजाति के फूल के बारे में बात करेंगे, जिसकी खेती से किसानों की इनकम बढ़ जाएगी. इस किस्म के फूल की खासियत है कि इसका सबसे ज्यादा उपयोग आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में किया जाता है. खास कर गठिया, एलर्जी और डायबिटीज जैसी बीमारियों के इलाज में इस फूल का उपयोग ज्यादा होता है.दरअसल, हम बात कर रहे हैं सिंहपर्णी डेंडिलियन (Dandelion) के बारे में. सिंहपर्णी फूल की एक ऐसी किस्म है, जिसकी मार्केट में बहुत अधिक डिमांड है. इस फल से कई सारी आयुर्वेदिक दवाइयां बनाई जाती हैं. सिंहपर्णी के फूल का रंग पीला होता है. इसका वैज्ञानिक नाम टारैक्सैकम ऑफिसिनेल है. ऐसे लोग इसे डेंडेलियन और लायन टूथ के नाम से भी जानते हैं. इसके फूल, पत्तियां और जड़ों तक का उपयोग दवाइयां बनाने में किया जाता है. अगर किसान भाई सिंहपर्णी की खेती करते हैं, अच्छी कमाई कर सकते हैं.
ये 5 बड़े फायदे –
- हड्डियों के लिए बेहतर
- डायबिटीज कंट्रोल करता है
- पाचन में सहायक
- इन्फ्लेमेशन कम करते हैं
- कैंसर को रोकने में मदद
- इस तरह करें सिंहपर्णी की खेती
खास बात यह है कि सिंहपर्णी की खेती हमेशा ऐसी जगह पर करें जहां पौधों को कम से कम रोज 6 घंटे सीधी धूप मिल सके. वहीं, सिंहपर्णी को हाइड्रेटेड रखने के लिए, उसकी समय पर सिंचाई करनी चाहिए. अगर आप एक एकड़ में सिंहपर्णी की खेती करते हैं, तो बंपर मुनाफा कमा सकते हैं.