टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धोनी भी आज 73वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना हरे हैं. लेफ्टिनेंट कर्नल धोनी आजादी का जश्न मनाने लद्दाख पहुंचे हैं. आर्मी ड्रेस में लद्दाख पहुंचे धोनी का जोश देखते ही बनता है. यहां उन्होंने आर्मी जनरल अस्पताल का दौरा किया और वहां भर्ती मरीजों से मुलाकात कर स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी.
बताया जा रहा है कि लद्दाख में अपने प्रवास के दौरान धोनी सियाचिन भी जा सकते हैं. जहां वह सियाचिन बैटल स्कूल की यात्रा भी करेंगे. सेना के सूत्रों के मुताबिक, धोनी स्वतंत्रता दिवस पर सियाचिन की यात्रा करेंगे. ऊंचाई पर स्थित इस इलाके में जवान किस तरह ट्रेनिंग लेते हैं और किस परिस्थिति में रहते हैं धोनी इस बात का जायजा लेंगे. धोनी इस दौरे के दौरान सियाचिन युद्ध स्मारक पर शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि भी देंगे.
बता दें कि सियाचिन ग्लेशियर हिमालय में पूर्वी काराकोरम श्रेणी में स्थित है और भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा के करीब है. 15 अगस्त को धोनी के इस सेशल की 15 दिन की यात्रा समाप्त हो गई. इस दौरान धोनी 31 जुलाई को श्रीनगर के खुनमु में 106 पैरा टीए यूनिट में शामिल हुए थे. जहां वह अपनी यूनिट के साथ पांच दिनों तक रहे. इस दौरान उन्होंने जरूरी ट्रेनिंग ली और जवानों से मुलाकात की.
इसके अलावा बताया जाता है कि धोनी 5 अगस्त को सेना के 15 कोर मुख्यालय में थे, जहां उन्होंने सैनिकों के साथ बातचीत की. 6 अगस्त को धोनी बारामुला में थे. इसके बाद धोनी ने 7 अगस्त को उरी में ट्रेनिंग ली, वहीं 8 अगस्त को वह अनंतनाग में थे, जिसके बाद वह अपने 106 पैरा यूनिट में वापस लौट आए.
उसके बाद वह12 अगस्त लेह पहुंचे, जहां उन्होंने एक दिन बिताया. 14वें दिन, धोनी एक आर्मी टुकड़ी में शामिल हुए. जहां उन्हें ट्रेनिंग दी गई. बताया जाता है अपने इस प्रवास के दौरान धोनी ने फायरिंग और गश्त करने संबंधित ट्रेनिंग ली. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धोनी ने युद्ध कौशल के बारे ट्रेनिंग ली. जिसमें दुश्मन को निशाना बनाया और उसके लक्ष्य से बचने संबंधित ट्रेनिंग भी शामिल थी. इस दौरान धोनी सुबह पांच बजे सोकर उठते और सेना के हर नियम का पालन करते.