अब तक धर्मिक तालिम तक सीमित रहने वाले मदरसों के छात्रों को पहली बार देश के उन वीर शहीदों के बारे में जानकारी दी जाएगी जिन्होंने आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है. जल्द ही छात्रों को शहीदों की शौर्य गाथा विषय के तौर पर पढ़ाई जाएगी.
यह पहला मौका होगा जब मदरसा के छात्रों को उनके तालिम के इतर भी कुछ खास बताया जाएगा. इसके लिए मदरसा बोर्ड द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल गई है. उत्तराखंड के 297 मदरसों के लिए जल्द ही सर्कुलर जारी कर पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी.
मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष बिलाल उर रहमान की मानें तो मदरसा के छात्रों को इस बात की जानकारी होना जरूरी है कि कैसे सुखदेव, भगत सिंह, अशफाक उल्लाह खान सहित तमाम शहीदों ने देश को आजादी दिलाने के लिए जान की बाजी लगाई थी.
मदरसा बोर्ड के गठन के करीब पांच साल बीत चुके हैं, लेकिन यह पहला मौका है जब मदरसों के छात्र अपने शहीदों के बारे में पढ़ेंगे और जानेंगे. चाहे वह युवा मुस्लिम हों या फिर तजुर्बेकार बोर्ड की इस खास पहल का सभी स्वागत कर रहे हैं. युवा नदीम कहते हैं कि बोर्ड का यह प्रयास अच्छा है. वहीं, शमसाद कहते हैं कि देश के लिए हर धर्म हर वर्ग के लोगों ने कुर्बानी दी है. लिहाजा आज की पीढ़ी को उनके बारे में जरूर जानना चाहिए.
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड का यह फैसला अन्य राज्यों के लिए एक मिशाल बनेगा. अन्य प्रदेशों के मदरसों में भी बच्चों को शहीदों से रूबरू होने की पहल शुरू की जा सकेगी. बीते दिनों उत्तराखंड दौरे पर आए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय संयोजक इंद्रेश कुमार ने भी कहा था कि मदरसा के छात्रों को देश के शहीदों के बारे में जानकारी देना जरूरी है.