यूपी के उन्नाव में दुष्कर्म पीड़िता को एम्स के ट्रामा सेंटर में भर्ती किया है। उसके उपचार के लिए ट्रामा सेंटर में पांच वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है। मंगलवार को एम्स की ओर से जारी बयान में बताया गया कि पीड़िता को आईसीयू केयर में डॉक्टरों की निगरानी में रखा हुआ। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। डॉक्टरों की टीम में मेडिसिन से लेकर आर्थो और न्यूरो तक कई विभाग के डॉक्टर शामिल हैं। एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर की मानें तो इलाज में पीड़िता का शरीर कम सहायक हो रहा है।
इससे जाहिर हो रहा है कि पीड़िता एक बुरे सदमे में है। एक बार दवाओं के जरिए पीड़िता की हालत में सुधार हो तो इसके बाद उसकी काउंसलिंग पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बीती रात 9 बजकर 18 मिनट पर उसे लखनऊ से एयर लिफ्ट कराके दिल्ली एम्स ट्रामा सेंटर लाया गया था।
तब से पीड़िता का उपचार जारी है। देर रात भी डॉक्टरों की टीम को कई तरह के ब्लड सैंपल और अन्य तरह की चिकित्सीय जांच करनी पड़ी थी, जिनकी रिपोर्ट का डॉक्टरों को भी इंतजार है।
बताया जा रहा है कि मंगलवार को आई मेडिकल रिपोर्ट के बाद एम्स प्रबंधन ने पीड़िता की निगरानी को और अधिक बढ़ा दिया है। एम्स प्रबंधन के ही अनुसार पीड़िता कमजोर है और उसे जीवनरक्षक उपकरण पर रखा गया है।
एम्स के डॉ. त्रिखा, डॉ. विवेक, डॉ. सुषमा सागर, डॉ. रिचा और डॉ. करण मदान पांच डॉक्टरों की टीम इलाज के लिए बनाई है। उधर देर रात तक वकील महेंद्र को लखनऊ से दिल्ली एयर लिफ्ट कराने को लेकर एम्स के पास कोई जानकारी न होने की बात सामने आई।
वहीं आज दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल एम्स में पीड़िता की मां से मिलीं। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि पीड़िता और वकील की हालत खराब है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘ सबसे दुखद है आज लड़की निमोनिया ग्रस्त और वकील कोमा में जा चुका है। हम एक हफ्ते से यूपी के मुख्यमंत्री से कह रहे हैं कि अच्छे ट्रीटमेंट कि लिए उनको दिल्ली लाया जाए पर हमारी एक न सुनी! सुप्रीम कोर्ट के द्वारा ही वो एयरलिफ्ट किए गए।
इससे पहले भी उन्होंने एक ट्वीट कर बताया कि, ‘एम्स में उन्नाव की बेटी की मां से मिली। बच्ची की स्थिति अभी भी बहुत नाजुक है। उसको निमोनिया भी हो गया है और डॉक्टरों के मुताबिक लड़की की जान खतरे में है। मां बहुत घबराई हुई है। डीसीडब्ल्यू की टीम कल रात से परिवार के साथ है और रहेगी। हम हर संभव मदद करेंगे।’
गौरतलब है कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने पीड़िता व वकील को तत्काल एयरलिफ्ट कर लखनऊ के अस्पताल से दिल्ली के एम्स में शिफ्ट करने का आदेश दिया था।
इससे पहले शुक्रवार को पीड़िता के परिजनों ने कहा था कि वे फिलहाल लखनऊ में इलाज कराना चाहते थे। जिस पर पीठ ने पीड़िता और वकील के परिजनों को छूट दी थी कि जब भी वे एम्स में इलाज कराना चाहते हों तो उसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
वहीं सोमवार को पीठ से जानकारी दी गई कि पीड़िता के चाचा को रायबरेली जेल से तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। गत शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता के चाचा को तत्काल तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया था। हत्या के प्रयास में दोषी ठहराए गए इस शख्स ने जान का खतरा बताया था।