गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने तंबाकू मुक्त राज्य की घोषणा तो कर है लेकिन, गुजरात में तंबाकू का उत्पादन तेज गति से बढ़ रहा है। राज्य के किसान दो मौसमों में तंबाकू की खेती कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण है कि किसानों को अच्छे पैमाने पर पैसा और लाभ मिल रहा है। राज्य में तंबाकू की बढ़ती खेती से उत्पादक आंकड़ा 3.80 लाख टन तक पहुंच गया है।
दो मौसमों में तंबाकू की खेती जोरों पर
खरीफ(Kharif) के मौसम में तम्बाकू की खेती 63,000 हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है जबकि रबी(Rabi) सीजन में 1.16 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया जाता है। एक हेक्टेयर में 3000 किलोग्राम तंबाकू उत्पादित किया जा रहा है। गुजरात में तंबाकू के प्रतिबंध बाद, किसानों ने खेती के क्षेत्र में वृद्धि की है। गुजरात में भाजपा के शासन के बाद किसानों ने नकदी फसलों के रूप में जाने जाते तंबाकू फसलों का रोपण बढ़ाया है।
तंबाकू का उत्पादन बढ़ा
गुजरात में पहले केवल खेडा और आनंद के 20,000 हेक्टेयर में तंबाकू का उत्पादन किया जाता था। अब इन दो जिलों में 92500 हेक्टेयर में तंबाकू उगाया जाता है। उत्तर गुजरात के सभी 6 जिलों में 23,800 हेक्टेयर में फसल ली जा रही है। आनंद की 60, 500, खेड़ा की 31,700, मेहसाणा की 12,700, गांधीनगर की 3400, साबरकांठा की 2400, बनासकांठा की 2800, पाटन की 1900, अरावली की 600 हेक्टेयर जमीन में तंबाकू उगाया जाता है। राज्य के शेष 25 जिलों में कोई भी किसान तंबाकू नहीं उगाता है।
किसानों को कर रही मालामाल
गुजरात में पिछले मानसून में पानी की कमी के कारण तंबाकू की फसल कम पाई गई है। तंबाकू का सामान्य बुवाई क्षेत्र 1.37 लाख हेक्टेयर है लेकिन, 2017-18 में 1.20 लाख हेक्टेयर और 2018-19 में 1.16 लाख हेक्टेयर में ये फसल पाई गई है। तंबाकू लोगों के लिए जानलेवा है लेकिन उसकी उपज किसानों को मालामाल कर रही है। राज्य के पंचमहाल, वडोदरा, अहमदाबाद जिले के किसानों ने तंबाकू का उत्पादन बंद कर दिया है। इसके सामने गांधीनगर, बनासकांठा, पाटन, अरावली के नए क्षेत्रों में तंबाकू का मिलान किया गया है। उत्तर गुजरात में तंबाकू की खेती बढ़ी है।