कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर सहित कई दिग्गज कांग्रेसी नेताओं ने प्रयागराज की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में सरेंडर किया। बता दें कि करीब दो घंटे तक मामले की सुनवाई के बीच सभी को न्यायिक अभिरक्षा में रखा गया और बाद में कांग्रेसी नेताओं की और से दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर उन्हें जमानत दे दी गयी। गौरतलब है कि किसानों के मामले को लेकर अखिलेश सरकार के दौरान कांग्रेसी नेताओं ने लखनऊ में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया था।
एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने राज बब्बर के साथ ही कांग्रेस नेता निर्मल खत्री, मधुसूदन मिस्त्री, प्रदीप जैन आदित्य और अजय राय समेत नौ कांग्रेसी नेताओं की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद उनकी जमानत मंजूर कर ली है। बता दें कि सभी नेता अब तक अंतरिम जमानत पर थे। जिसकी मियाद शुक्रवार को समाप्त हो रही थी। इसे देखते हुए सभी नेता शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट में पेश हुए। इससे पहले रीता बहुगुणा जोशी भी स्पेशल कोर्ट में पेश हुई थी, जिन्हें कोर्ट ने 15 अप्रैल तक के लिए जमानत दी थी। इस मुकदमे की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी। बता दें कि मामले पर सुनवाई स्पेशल जज पवन कुमार तिवारी कर रहे हैं।
क्या है मामला
स्पेशल कोर्ट में चल रहे मुकदमे के अनुसार वर्ष 17 अगस्त 2015 को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बरए मधुसूदन मिस्त्री, निर्मल खत्री आदि की अगुवाई में हजारों कांग्रेसियों ने लखनऊ में प्रदर्शन किया था। उस समय कांग्रेसी प्रदेश में गन्ना किसानों के भुगतान, पेट्रोल डीजल मूल्य वृद्धि, कानून व्यवस्था आदि के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़े हुये थे और प्रदर्शन के दौरान ही लगभग 5 हजार कांग्रेसियों की प्रदर्शनकारी भीड ने विधानसभा की ओर कूच कर दिया। विधानसभा के समीप पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस ने बैरीकेंटिंग की तो प्रदर्शनकारी अचानक उत्तेजित हो गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। पुलिस ने लाठी भांज कर स्थिति पर नियंत्रण का प्रयास किया तो पत्थरबाजी शुरू हो गई। पथराव में कयी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को चोटें आईं। कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और सार्वजनिक संपत्ति को गंभीर नुकसान पहुंचाया गया।
हजरतगंज थाने में दर्ज हुआ है मुकदमा
इसी मामले में राज बब्बर, निर्मल खत्री, मधूसूदन मिस्त्री, रीता बहुगुणा जोशी व उनके साथियों पर लखनऊ के हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। जिसमें थाने पर हमला करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, तोड़फोड़ आदि गंभीर धाराओें में मुकदमा दर्ज है। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाकर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। मुकदमे का ट्रायल भी शुरू हो गया लेकिन, लंबे समय से यह मामला अधर में लटका हुआ है। फिलहाल स्पेशल कोर्ट में मामला आने के बाद भी सुनवाई के दौरान आरोपितों के हाजिर ना होने पर मुकदमें में स्पेशल जज ने सख्त रूख अख्तियार किया है और अगली तारीख पर उपस्थित न होने पर सभी के खिलाफ कुर्की का वारंट और आदेश जारी करने की चेतावनी दी है।