सागर | सच्चा राजनेता न तो बाप देखता है न बेटा तुम मरो या जिओ वो तो राजनीति करता है।राजनेता बाहर से सबका होता है भीतर से किसी का नहीं होता है यह बात निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर महाराज ने अपने प्रवचन में श्री पारसनाथ जैन मंदिर कटरा के फर्श पर कही उन्होंने कहा कि नेता यानी बदबू देता,और यदि ऐसा गुण नहीं हो तो नेता बन नहीं सकता है।नेता कभी किसी का हो ही नहीं सकता। शरीर में आंखें हमारे अलावा सब कुछ देख सकती हैं लेकिन हमें नहीं। जबकि आंखें मेरे काम के लिए है।.प्रकृति ऐसी मां है जो अपने अन्दर की आवाज सुनकर नियम से पूर्ति करती है। उन्होंने कहा कि तुम संसार का पता लगा लोगे लेकिन अपने घर में क्या हो रहा ये पता नहीं पाओगे। ज्ञान का काम देखना है, जानना है, समझना है। संसारी प्रानी को अगर देखने में नहीं आता है तो उसका नाम है आत्मा है। सागर में गुरुजी का दीक्षा दिवस 11 जुलाई को ऐतिहासिक होना चाहिए। सभी घरों के बाहर दीपक जलेगे और बाहर रंगोली डाली जाएगी।