सागर– अक्षय तृतीया पर जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदि ब्रह्मा श्री आदिनाथ भगवान के प्रथम आहार में गन्ना के रस श्रावकों के द्वारा दिए गए थे। तभी से अक्षय तृतीया पर आहार दान और दान देने की परंपरा प्रारंभ हुई थी। आज अक्षय तृतीया को सभी जैन मंदिरों में प्रथम तीर्थकर श्री आदिनाथ भगवान की पूजन, अभिषेक, शांतिधारा हुई और लोगों ने जहां मुनि महाराज विराजमान है। वहां पहुंचकर आहार दिए और मंदों में दान दिया।
कुंडलपुर में आचार्य श्री समय सागर महाराज के सानिध्य मे अक्षय तृतीया का पर्व मनाया गया। बड़े बाबा का अभिषेक हुआ शांति धारा की गई हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। सागर में नमक मंडी स्थित है श्री पारसनाथ जिनालय के द्वितीय मंजिल पर विराजमान श्री आदिनाथ भगवान की वेदी पर श्री जी की प्रतिमा पर शांति धारा और अभिषेक का सौभाग्य मुकेश जैन ढाना, श्रीमती संगीता जैन, द्वितीय शांति धारा राहुल प्रकाश पारस,
और तृतीय शांति धारा प्रसन्न चौधरी सुषमा चौधरी के परिवार द्वारा की गई।