प्रधानमंत्री आवास योजना से स्वयं के लिए पक्के की आवास बनाने पर खुशी जाहिर करते हुये फातिमा ने कहा कि जीवन भर हम ने मजदूरी की और मेरे पति भी मजदूरी करते-करते मर गये। बेटा तथा बहू भी मजदूरी करते है। लेकिन हम बड़ी मुश्किल से अपने छोटे से कच्चे मकान में रहते थे। मजदूरी करके हम लोग जिंदगी में कभी पक्के का मकान नहीं बना सकते थे। हमने कभी सोचा भी नहीं था हमारा पक्के का मकान होगा। आकाश में बादल छाते ही हमारी धड़कने तेज हो जाती थी। कच्चे के मकान में जगह-जगह पानी टपकता था। पूरा फर्श गीला हो जाता था। कई बार तो सोने के लिये जगह ही नहीं बचती थी। आज आवास बनने से बरसात में पानी की समस्या से निजात मिल गया है। बहुत-बहुत भला हो प्रधानमंत्री मोदी जी और मुख्यमंत्री का जिन्होंने हमें पक्का मकान दिया। अब पक्के घर में चैन की नींद आती है। सरकार ने पक्का घर देकर बड़ा उपकार किया है।
फातिमा तो अब मेहनत का काम नहीं कर सकती है, पर परिवार की आय में योगदान देने के लिये वह चूड़ियां बेचकर अपना जीवन यापन कर रही है। बेटा-बहू मजदूरी पर जाते है। प्रधानमंत्री आवास ने फातिमा बेगम के जीवन सुखमय बना दिया है।