Indian Railway Vande Bharat Train : संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत 2019 में नई दिल्ली और वाराणसी के बीच हुई थी.
वर्तमान में, वंदे भारत एक्सप्रेस के 10 जोड़े भारतीय रेलवे नेटवर्क पर परिचालन में हैं. भारतीय रेलवे द्वारा पीएच 21-रोलिंग स्टॉक प्रोग्राम (कैरेज) के तहत वंदे भारत ट्रेनों को बनाने के लिए वित्तीय वर्ष 2022-2023 के संशोधित अनुमान में 19479 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई है.
इसके अलावा भारतीय रेलवे ने उत्पादन यूनिटों (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, रेल कोच फैक्ट्री और मॉडर्न कोच फैक्ट्री) के भीतर IR डिजाइन के अनुसार 102 वंदे भारत रैक (2022-2023 में 35 और 2023-2024 में 67) बनाने की योजना जारी की है. कुल 75 वंदे भारत रेक को चेयर कार कोच के रूप में और शेष को स्लीपर कोच के रूप में बनाया जाना है.
रेलवे ने तीन अलग-अलग तकनीकों की 400 वंदे भारत ट्रेनों (स्लीपर कोच) के निर्माण की भी योजना बनाई है, जिसके लिए रेलवे के भीतर निर्माण के लिए टेक्नोलॉजी पार्टनर्स चयन करने के लिए टेंडर मंगाए गए हैं. आईआर जनशक्ति के साथ उत्पादन यूनिट उपरोक्त के अलावा, बजट 2023-24 के तहत 8000 वंदे भारत कोच भी प्रस्तावित किए गए हैं.
रूट्स कार्य के लिए दिए गए ठेके
भारतीय रेलवे के दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा सेक्शन के लगभग 3000 किलोमीटर पर रूट्स कार्य के लिए ठेके दिए गए हैं और कार्य प्रगति पर है. रेल कार्गो को संभालने के लिए अतिरिक्त टर्मिनलों के विकास में उद्योग से निवेश को बढ़ावा देने के लिए, 15 दिसंबर 2021 को एक नई गति शक्ति मल्टी-मोडल कार्गो टर्मिनल (जीसीटी) पॉलिसी शुरू की गई है.
3 साल में 100 टर्मिनल चालू करने का है लक्ष्य
इन टर्मिनलों का निर्माण गैर-रेलवे भूमि के साथ-साथ आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से रेलवे भूमि पर किया जाएगा. तीन वित्तीय वर्षों यानी 2022-23, 2023-24 और 2024-25 में 100 गति शक्ति कार्गो टर्मिनल (जीसीटी) चालू करने का लक्ष्य है, जिनमें से 30 जीसीटी पहले ही चालू किए जा चुके हैं. अब तक जीसीटी पॉलिसी के तहत कार्गो टर्मिनलों के विकास के लिए 145 आवेदन प्राप्त हुए हैं और 103 अप्रूवल जारी किए गए हैं.