कर्नाटक विधानसभा चुनाव घोषणा के तारीखों के ऐलान महज चंद दिन बाकी हैं. ऐसे में बीजेपी ने बड़े नेताओं के ताबड़तोड़ कार्यक्रम और पार्टी की अंदरूनी चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी ताकत लगा दी है.
सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान मार्च के आखिरी हफ्ते में होना तय है. चुनाव घोषणा से ठीक पहले के आखिरी 10-12 दिनों में बीजेपी ने अपने सभी टॉप और स्टार नेताओं को मैदान में उतारने का फैसला किया है. पार्टी ने 16 मार्च से लेकर 25 मार्च के बीच के कार्यक्रम से राजनीति के कैलेंडर को पूरी तरह पैक कर दिया है. इस क्रम में 25 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कर्नाटक दौरा महत्वपूर्ण है. पीएम मोदी कर्नाटक के दावनगिरि में बीजेपी के विजय संकल्प यात्रा रैली के समापन पर एक बड़े जनसभा को संबोधित करेंगे. माना जा रहा है कि पीएम मोदी का ये चुनाव पूर्व आखिरी रैली होगा. हालांकि उससे पहले 22 मार्च को भी पीएम मोदी कर्नाटक में एक सरकारी योजना की शुरुआत के लिए जा सकते हैं.
25 मार्च को पीएम मोदी की रैली पीएम की 25 मार्च को रैली से पहले गृहमंत्री अमित शाह कर्नाटक के दो दिनों के दौरे पर जा रहे हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक गृहमंत्री अमित शाह 23 और 24 मार्च को कर्नाटक में चुनावी सभाओं, रैलियों और पार्टी नेताओं की बैठक कर चुनाव जीत का मंत्र देंगे. गृहमंत्री अमित शाह के दौरे से ठीक पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 3 दिनों के कर्नाटक दौरे पर जा रहे हैं.
जेपी नड्डा का कार्यक्रम बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा 17,18 और 19 मार्च को कर्नाटक के दौरे पर जाएंगे. दौरे में जेपी नड्डा का रोड शो, बेल्लारी में चुनावी रैली और संगठन को बैठक प्रस्तावित है. 18 मार्च को जेपी नड्डा ने पार्टी कैंपेन कमिटी और पार्टी चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक बुलाई है. जेपी नड्डा के बैठक से पहले आज 16 मार्च को कर्नाटक चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान कर्नाटक दौरे पर जा रहे हैं. आज केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी कर्नाटक में चुनावी सभा और रोड शो कर रही हैं.
बीजेपी ने फूंकी जान एक तरफ जहां चुनाव घोषणा से पूर्व चुनावी जमीन की तैयारियों में बीजेपी ने जान फूंक रखी है. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने अपने घर को भी ऑर्डर में करने का पूरा काम तेजी से शुरू कर दिया है. इस क्रम में पार्टी से नाराज नेता वी सोमन्ना को दिल्ली बुलाकर केंद्रीय नेताओं ने मना लिया है. सोमन्ना के साथ चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह और केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने घंटों बैठक कर संतुष्ट किया और उनके मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया. इससे पहले करीब 25 दिन पहले कर्नाटक के महत्वपूर्ण नेता रमेश जरकिहोली को भी बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने समझा बुझाकर संतुष्ट कर दिया. हालांकि बीजेपी सूत्रों का कहना है कि “कर्नाटक विधानसभा चुनाव के तारीखों के एलान से पहले कुछ बीजेपी नेता पार्टी छोड़ कर कांग्रेस जा सकते हैं लेकिन साथ ही उनका ये भी कहना है कि कांग्रेस के कई महत्वपूर्ण नेता बीजेपी के भी संपर्क है और उनकी ज्वाइनिंग कराई जाएगी.”
अंदरूनी कलह नहीं चाहती BJP पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाल में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का अपने पारंपरिक सीट शिकारपुरा से अपने बेटे को चुनाव लड़ाने की बात कहना और उसपर बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि की कड़ी प्रतिक्रिया आना और उसके बाद सीटी रवि के बयान का जवाब बीएस येदियुरप्पा के छोटे बेटे बी वाई विजयेंद्र द्वारा देने घटना से पार्टी के आला नेता नाराज हैं. इस बारे में शुक्रवार को कर्नाटक दौरे पर जा रहे चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सीटी रवि और येदियुरप्पा से बात कर सकते हैं. बीजेपी आला नेतृत्व किसी भी तरह का अंदरूनी कलह नहीं चाहती लिहाजा चुनाव की तारीखों के एलान से पहले ही सारे विवादित विषयों को खत्म करने की कवायद तेज कर दी गई है.
BJP को बेहतर परफॉर्म का भरोसा पार्टी का मानना है कि कर्नाटक चुनाव में पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती ओल्ड मैसूर रीजन में पार्टी के परफॉर्मेंस को सुधारना है. पार्टी को भरोसा है की बीजेपी इस बार ओल्ड मैसूर रीजन में भी बेहतर परफॉर्म करेगी. चुनाव की दृष्टि से बीजेपी कर्नाटक को 6 रीजन में बांट कर काम करती है. दरअसल कर्नाटक के पूरी ताकत झोंकने के पीछे का कारण ये है कि बीजेपी इसे दक्षिण भारत में कमल खिलाने का गेट वे मानती रही है और उसको भरोसा है कि कर्नाटक जीत के दूरगामी परिणाम पार्टी के दक्षिण भारत में परफॉर्मेंस पर पड़ेगा. पार्टी का मानना है कि कर्नाटक का सीमावर्ती राज्य तेलंगाना विधानसभा चुनाव पर भी कर्नाटक के परिणाम का असर होगा और सबसे बड़ी बात इसका असर 2024 के आगामी लोकसभा पर भी होगा.