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MP की सबसे बड़ी टनल का लोकार्पण करेंगे गडकरी, रीवा-सीधी की बदलेगी तस्वीर

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पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न अटल विहारी वाजपेयी द्वारा शुरू की गई स्वर्ण चतुर्भुज योजना का सपना साकार होता नजर आ रहा है. इसके लिए केंद्रीय भूतत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पूरी इच्छा शक्ति के साथ लगे हुए हैं.

वह पूरे भारतवर्ष में राष्ट्रीय राजमार्ग का जाल बिछाने की योजना को अमली जामा पहना रहे है. इसी कड़ी में वह कल यानी शनिवार को रीवा में मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी टनल (सुरंग) का लोकार्पण करने आ रहे हैं. छह लेन वाली इस टनल के शुरू से रीवा-सीधी की दूरी 10 किमी. कम हो जाएगी. साथ ही यात्रियों को मोहनिया पहाड़ के दुर्गम रास्ते से भी छुटकारा मिल जाएगा.

रीवा। सीधी के मध्य बनकर तैयार हुए खूबसूरत टनल का 10 दिसंबर को लोकार्पण होने जा रहा है. आधुनिक सुविधाओं से लैस मोहनिया टनल का लोकर्पण करने केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी रीवा आएंगे. केंद्रीय मंत्री कल 10 दिसंबर को 12.00 बजे विशेष विमान से नागपुर से प्रस्थान कर 12.45 में रीवा के चोरहटा हवाई पट्टी पहुचेंगे. जिनके बाद वह हेलिकॉप्टर से उड़ान भरकर सीधी जिले के सर्रा हवाई पट्टी पर उतरेंगे. दोपहर तकरीबन 1.15 बजे वह टनल का लोकर्पण कर टनल का निरीक्षण करेंगे और टनल स्थल पर लगाए गए 100 फीट के तिरंगे को फहराएंगे. 1004 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुए 6 लेन वाली इस टनल के शुरू होने का इंतजार लोग बड़ी बेसबरी से कर रहे थे. निर्माण एजेंसी ने निर्धारित समय से 4 माह पूर्व ही इस टनल को बनाकर तैयार कर दिया.टनल से रीवा सीधी की बदलेगी तस्वीर

आवागमन में लोगों को मिलेगी सहूलियतः जानकारी के अनुसार टनल का निरीक्षण करने के बाद केंद्रीय मंत्री रीवा जिले में मोहनिया टनल के समीप आयोजित लोकर्पण समारोह तथा आमसभा में शामिल होंगे. कार्यक्रम समाप्त होने के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मोहनिया टनल से रीवा के चोरहटा हवाई पट्टी पहुचगे विशेष विमान से वह 3.45 पर नागपुर के लिए प्रस्थान करेंगे. दरअसल रीवा जिले के गुढ़ स्थित बदवार के मोहनिया पहाड़ को काटकर आवागमन सुगम बनाने के लिए दो सुरंग बनाईं गईं थीं. इस टनल को मोहनिया पहाड़ की घुमावदार 10 किलोमीटर की सड़क को कम करने के लिए तैयार किया गया है. बताया जा रहा है कि झांसी-रांची नेशनल हाईवे 39 स्थित मोहनिया पहाड़ में सुरंग के प्रोजेक्ट का काम तय समय से पहले पूर्ण किया जा चुका है.यह खूबसूरत टनल एमपी की सबसे लंबी 6 लेन की पहाड़ी सुरंग होगी. जिसमें निर्माण कार्य पूरा होने के बाद झांसी से रांची तक जाने वाले वाहन चालकों को राहत मिलेगी.वही लोगों को इससे मोहनिया घाटी के घुमावदार मोड़ सहित घाटी में होने हादसों से भी निजात मिल जाएगी.टनस से आवागमन में लोगों को मिलेगी सहूलियत

रीवा से सीधी की दूरी होगी 10 किलोमीटर कमः इस टनल के शुरू हो जाने से रीवा सीधी की दूरी भी तकरीबन 10 किलोमीटर तक कम हो जाएगी. इसके अलावा वाहन चलाने वाले लोगो को मोहनिया घाटी के घुमावदार और खतरनाक चढ़ाई चढ़ने से भी राहत मिलेगी. वाहनों के लिए घाटी से गुजरते हुए अभी 30 मिनट का समय लगता है. लेकिन टनल से हो कर गुजरने में लोग मात्र 5 मिनट में ही मोहनिया पहाड़ की दूरी तय कर सकेंगे. अभी सीधी से रीवा की दूरी 82 किलोमीटर है. टनल के शुरू हो जाने के बाद यह दूरी केवल 72 किलोमीटर की रह जाएगी. मोहनिया टनल प्रोजेक्ट की लागत 1004 करोड़ है. यहां 3-3 लेन के दो टनल है. एक टनल की चौड़ाई साढ़े 13 मीटर है. दोनों टनल के बीच सात स्थानों में इंटर पासिंग की व्यवस्था की गई. जिससे की टनल के भीतर प्रवेश करने वाले वाहन अगर वापस लौटना चाहे तो वह इस इंटर पास के रास्ते से मुड़कर बीच रास्ते से ही वापस लौट सकते है. मोहानिया टनल के दोनों तरफ की लंबाई 2.39 मीटर है. पूरे टनल में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए है. जिससे कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारी टनल के भीतर होने वाली गतिविधियों को स्क्रीन पर देख सकेंगे. इसके अलावा टनल के भीतर फायर सेफ्टी सहित अन्य सुविधाओ के भी इंतजाम किए गए है.रीवा से सीधी की दूरी होगी 10 किलोमीटर कम

रोमांचकारी होगा नेशनल हाइवे 39 में स्थित टनल का सफरः इतना ही नहीं जिस मोहनिया पहाड़ की हम बात कर रहे हैं. वह पहाड़ पहले दुर्गम हुआ करता था. जिसे पार करने में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. विकास के पंख ने गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में स्थित नेशनल हाईवे 39 से गुजरने वाले रीवा-सीधी मार्ग की तस्वीर ही बदल कर रख दी. अगर टनल की बात की जाए तो इसे पार करते ही पर्यटकों को तीन अलग-अलग नजारे देखने को मिलेंगे. टनल का मार्ग समाप्त होते ही ऊपर नीचे दोनों ही ओर नहर दिखाई देंगी और दोनों नहर के बीच मोहनिया पहाड़ को काट कर बनाए गए भव्य टनल में 6 लेन सड़क का निर्माण किया गया है. वहां से लोग सीधी होते हुए रांची पहुंच सकेंगे. इसके साथ ही इसी मार्ग पर लोग रेलवे ओवरब्रिज का लुत्फ उठा सकेंगे जो कि अपने आप में अद्भुत अकल्पनीय और अविश्वसनीय होगा.