ऐसा लग रहा है कि उत्तर प्रदेश चुनाव (UP Assembly Election) में 40 महिला प्रत्याशियों (40% Women Candidate) का वादा करना कांग्रेस के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की सबसे पहले विधानसभा उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने की रणनीति पर उनके ही वादे ने ब्रेक लगा दिया है. दरअसल केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में लगभग 50 नाम फाइनल हो चुके थे लेकिन महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने के वादे के चलते लिस्ट जारी नहीं हो पा रही है. अब जोर-शोर से महिला उम्मीदवार ढूंढी जा रही हैं ताकि लिस्ट जारी कर दी जाए.
‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ नारे के साथ प्रियंका गांधी ने यूपी की आधी आबादी को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए नया दांव चला था. साथ ही महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने का एलान भी कर दिया. अब प्रियंका का यही एलान पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बन गया है.
पहले लिस्ट जारी करने की थी रणनीति
कांग्रेस की शुरुआत से कोशिश थी कि विधानसभा चुनाव में सबसे पहले प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर मास्टरस्ट्रोक खेल दिया जाए. मंशा ये थी कि इससे प्रत्याशियों को अपने क्षेत्र में प्रचार का लंबा वक्त मिल जाएगा. दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक भी सबसे पहले कर ली गई लेकिन लिस्ट पर ब्रेक लग गया.
कांग्रेस का है ये तर्क
सूत्रों के मुताबिक लिस्ट में 40 फीसदी दमदार उम्मीदवार शामिल कर पाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. हालांकि कांग्रेस ऐसा नहीं मानती. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा कहते हैं कि भारी संख्या में महिला उम्मीदवार टिकट मांग रही हैं. जल्दी ही लिस्ट जारी की जाएगी जहां 40 फीसदी टिकट महिलाओं को दिए जाएंगे.
तीन दशक से प्रदेश में नहीं रही है कांग्रेस की सरकार
समस्या ये भी है कि उत्तर प्रदेश में करीब तीन दशक से ज्यादा बीत चुके हैं और कांग्रेस पार्टी कभी सत्ता में नहीं आई. इस दौरान पार्टी का संगठन भी यूपी में अन्य प्रतिद्वंद्वी पार्टियों के मुकाबले कमजोर हुआ. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का बड़ा वोटबैंक रहा है. बीते वर्षों में बीजेपी ने इसमें बड़ी सेंध लगाई है. यही कारण रहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी.
मजबूत महिला उम्मीदवार नहीं मिल रहीं
कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन किया था और 114 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. 114 सीटों पर लड़ने वाली कांग्रेस को सिर्फ 7 सीटों पर जीत मिली थी. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस लगभग 49 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी. पार्टी इन सीटों पर पूरे दम खम से चुनाव लड़ने की योजना पर काम कर रही है. मुश्किल ये है कि इतनी बड़ी संख्या में जीत सकने वाली महिला उम्मीदवार मिल नहीं रही हैं. अब कांग्रेस मजबूत नेताओं के घर की महिलाओं को ही मैदान में उतारने की रणनीति पर विचार कर रही है.