दुनियाभर में तेजी से फैल रहे जानलेवा डेल्टा वैरिएंट को लेकर एक बार फिर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेश टैड्रोस अधनोम घेबरेयेसस ने कहा है कि ये वैरिएंट एक बार फिर से पूरी दुनिया में विनाशकारी साबित हो सकता है।
बता दें कि कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक वायरस में कई बार बदलाव दर्ज किए गए हैं। लेकिन इनमें से कुछ बदलावों के बाद सामने आने वाले कुछ वैरिएंट का प्रकोप पूरी दुनिया में देखा गया है। जिस वैरिएंट की बात विश्व स्वास्थ्य संगठन ने की है उसका पहला मामला भारत में अक्टूबर 2020 में सामने आया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वैरिएंट को गंभीर वैरिएंट या वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा है। संगठन का कहना है कि इस वैरिएंट के संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है और ये पहले सामने आए वैरिएंट की तुलना में कहीं अधिक घातक है।
कुछ समय पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वैरिएंट के अलावा ब्रिटेन में मिले वैरिएंट को एल्फा नाम दिया था। इसके अलावा अन्य वैरिएंट को बीटा का नाम दिया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन् की चिंता केवल इसी वैरिएंट को लेकर नहीं है, बल्कि इसमें बदलाव के बाद सामने आए डेल्टा प्लस को लेकर भी है। इसके अलावा अब सबसे घातक बताया जाने वाला वैरिएंट लैंब्डा भी दुनिया के 30 से अधिक देशों में दस्तक दे चुका है। जहां तक डेल्टा वैरिएंट की बात है तो बता दें कि भारत में आई दूसरी लहर में इसका सबसे अधिक प्रभाव देखा गया था। वैज्ञानिकों ने इस लहर के लिए इसको ही जिम्मेदार ठहराया है।
शिन्हुआ समाचार एजेंसी के हवाले से बताया गया है कि डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि लगातार चौथे सप्ताह भी पूरी दुनिया में कोरोना के मामलों में चिंताजनक रूप से तेजी देखी गई है। जिनेवा में हुए इस प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि विश्व में करीब दस सप्ताह के बाद एक बार फिर से कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों में भी तेजी आई है। उनके मुताबिक डेल्टा वैरिएंट दुनिया के करीब 104 देशों में दस्तक दे चुका है। डॉक्टर टैड्रोस ने कहा है कि डेल्टा वैरिएंट के मामले तेजी से पूरी दुनिया में बढ़ रहे हैं। इसकी वजह से संक्रमण के मामले और मौतों में जबरदस्त इजाफा हो रहा है।
उन्होंने पूरी दुनिया भर की सरकारों से अपील की है कि डेल्टा वैरिएंट से बढ़ रहे मामलों की रोकथाम के लिए कुछ नए कदम तेजी से उठाने की जरूरत है। आपको बता दें कि इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए फ्रांस में नए प्रतिबंध लगाए गए हैं। ब्रिटेन में इसकी वजह से प्रतिबंधों में दी जाने वाली ढील को 19 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। हालांकि डब्ल्यूएचओ महासिचव ने इन सभी देशों को आगाह किया है कि प्रतिबंधों में ढिलाई देने से नुकसान हो सकता है।
उनका कहना है कि कई देशों में अब भी वैक्सीन बेहद कम संख्या में उपलब्ध हो सकी है, जबकि कुछ में अब तक वैक्सीन उपलब्ध भी नहीं हुई है। ऐसे में इन देशों में बेहद कम लोगों को ही अब तक वैक्सीनेट किया जा सका है। ऐसे में यदि प्रतिबंधों में ढिलाई दी गई तो इससे कोरोना संक्रमण के मामलों में जबरदस्त तेजी आ सकती है जो इस संबंध में अब तक मिली प्रगति पर ब्रेक लगा सकती है।
इस मौके पर उन्होंने धरती के विभिन्न क्षेत्रों में लगी भीषण आग का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दमकल कर्मी इस पर काबू पाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर से अमीर देशों से वैक्सीन को दान करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि ऐसे देश यदि ये नहीं करेंगे तो मामले बढ़ सकते हैं।