वाशिम: महाराष्ट्र (Maharastra) के वाशिम जिले में रहने वाली 73 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला ने अजीब दावा किया है. उनका कहना है कि पिछले 8 साल से आंखों में मोतियाबिंद होने के कारण उन्हें दिखाई देना बंद हो गया था. लेकिन कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवाने के बाद उनकी आंखों की रोशनी लौट आई है.
डॉक्टरों ने कही ये बात
मथुरा बिडवे नाम की इस महिला ने बताया कि, ‘पहले मुझे अपने छोटे-मोटे कामों के लिए भी दूसरों की जरूरत होती थी. लेकिन अब मैंने अपने सारे काम खुद करने शुरू कर दिए हैं. इस बात की पुष्टि मथुरा के घरवालों और पड़ोसियों ने भी की है. वहीं इमरजेंसी टास्क फोर्स के मेंबर और सीनियर डॉक्टर डॉ. तात्या लहाने से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि ये महज एक इत्तेफाक है, और इसका कोरोना वैक्सीनेशन से कोई संबंध नहीं है.
इस तरह बढ़ी थी परेशानी
बुजुर्ग महिला के भांजे ने बताया कि, ‘कुछ सालों पहले हमने मथुरा की एक आंख का ऑपरेशन कराया था. लेकिन वह नाकाम रहा. इसी वजह से दूसरी आंख में मोतियाबिंद का दायरा बढ़ने लगा और पुतली का बड़ा सफेद घेरा हो गया. लेकिन वैक्सीन लगने के बाद उनकी आंखों की रोशनी लौटने लगी. जब हमने चेकअप कराया तो पता चला कि उनकी 30-40 प्रतिशत आंखों की रोशनी लौट आई है. चाहे ये जिस भी कारण से हुआ हो. हमारे लिए ये खुशी की बात है.’
क्या होता है मोतियाबिंद?
आपको बताते चलें कि मोतियाबिंद आंखों का एक सामान्य रोग है. इसमें आंखों का लेंस धुंधला पड़ जाता है, जिससे कम दिखने लगता है. अगर समय पर सर्जरी ना की जाए जो इंसान अंधेपन का शिकार हो जाते हैं. आम तौर पर ये 55 साल या इससे ज्यादा की उम्र के लोगां को होता है. इस सर्जरी में डॉक्टर द्वारा अपारदर्शी लेंस को हटाकर मरीज की आंख में प्राकृतिक लेंस के स्थान पर नया कृत्रिम लेंस फिट कर देते हैं. जिसके बाद कुछ ही दिनों में पहले ही तरफ साफ दिखने लगता है.