कोरोना के कम होते मामले से लोग अभी राहत के सांस ही ले रहे थे कि कोविड-19 के डेल्टा प्लस वैरिएंट फिर से लोगों की चिंता बढ़ा दी है। डेल्टा प्लस वेरिएंट को वेरिएंट ऑफ कंसर्न कहा जा रहा है और लोगों को फिर से सतर्क होने की जरूरत है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट तेजी से पैर पसार रहा है। फेफड़े की कोशिकाओं के रिसेप्टर से मजबूती से चिपकने के बाद श्वास तंत्र को काफी तेजी से नुकसान फैला रहा है। ऐसा अनुमान है कि तीसरी लहर डेल्टा प्लस वैरिएट के चलते आ सकती है। यह वैरिएंट इसलिए भी ज्यादा डराने वाले है क्योंकि अन्य देशों में इसका प्रभाव पहले से देख चा चुका है ।
सावधान! डेल्टा प्लस से डरना जरूरी
वैक्सीनेशन टास्क फोर्स की मेंबर और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन की डायरेक्टर प्रो. डॉ सुनीला गर्ग का कहना है कि जिस तरह से लोग बेखोफ होकर घूम रहे हैं , उससे लगता है कि हमने अपने पिछली गलतियों से कुछ नहीं सीखा। वहीं दूसरी लहर के समय हमसे जो गलतियां हुईं थी अगर फिर से वहीं दोहराई जाएगी तो ये गलतियां तीसरी लहर के जल्द आने का कारण बन सकती है। डेल्टा वेरिएंट की वजह से भारत को कोरोना की दूसरी लहर का सामना करना पड़ा था | अब डेल्टा प्लस वेरिएंट तीसरी लहर का कारण बने हुए हैं ।
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इसके लिए नए वेरिएंट के केसों को जल्द से जल्द पहचान करना जरूरी है। वहीं उनका पहचान कर कंटेनमेंट के नियमों का पालन करना होगा। जल्द-जल्द उस एरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित कर लॉकडाउन लगा देना होगा ताकि इसके फैलने से रोका जा सके। वहीं मौजूदा टीके अब तक के सभी वेरिएंट्स पर काम कर रहे हैं, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि ये आने वाले वेरिएंट्स पर भी काम करेंगें ।
वैक्सीन के डोज लगने के बाद भी हुए संक्रमित
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में हुई एक अध्ययन में ऐसा देखा गया कि वैक्सीन के डोज लगने के बाद भी कुछ लोग संक्रमित हुए हैं हालांकि इनमें से उन लोगों की संख्या ज़्यादा थी, जिन्होंने सिर्फ़ वैक्सीन की एक ही डोज़ ली थी। वैक्सीन लेने के बाद लोग कम संक्रमित हुए है और जो संक्रमित हुए उनकी स्थिति इतनी नहीं बिगड़ी की आईसीयू में भर्ती करना पड़े। टीकाकरण की रफ़्तार को बढ़ा कर ही हम लोग कोरोना की तीसरी लहर में राहत पा सकते हैं।
तीसरी लहर की रफ़्तार उम्मीद से कहीं ज़्यादा तेज़ हो सकती
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज कम्युनिटी मेडिसीन विभाग की डॉ. प्रज्ञा शर्मा का कहना है किकोरोना की तीसरी लहर आना तो निश्चित है, लेकिन कुछ सावधानियों के ज़रिए इसे कुछ समय के लिए टाला जा सकता है और इसके लिए वायरस की म्यूटेशन को समझना और सेफ़्टी प्रोटोकॉल का पालन करना बहुत जरूरी है। अगर हम ये सब नहीं करेंगे, तो तीसरी लहर की रफ़्तार उम्मीद से कहीं ज़्यादा तेज़ हो सकती है।