राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कोरोना की चर्चा करते हुए कहा कि पूरी दुनिया एक बड़े संकट से जूझ रही है। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट आया, तो भारत के लिए दुनिया चिंतित थी। अगर भारत खुद को नहीं संभाल पाया तो दुनिया के लिए संकट होगा। भारत ने अपने देश के नागरिकों की रक्षा करने के लिए एक अज्ञात दुश्मन से जंग लड़ी। लेकिन आज दुनिया इस बात पर गर्व कर रही है कि भारत ने ये लड़ाई जीती है। यहां पढ़िए प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की बड़ी बातें…
पूरा विश्व अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है – पीएम
राज्यसभा में पीएम ने कहा कि शायद ही किसी ने सोचा होगा कि मानव जाति को ऐसे कठिन दौर से गुजरना होगा, अनेक चुनौतियों के बीच राष्ट्रपति जी का इस दशक का पहला भाषण हुआ।
जब पूरे विश्व पटल की तरफ देखते हैं, भारत के युवा मन को देखते हैं तो ऐसा लगता है कि आज भारत सच्चे में एक अवसरों की भूमि है।
प्रधानमंत्री ने पढ़ीं मैथिलीशरण गुप्त की कविता
राज्यसभा में पीएम ने मैथिलीशरण गुप्त की कविता की पंक्तियां पढ़ी, जो हैं- अवसर तेरे लिए खड़ा है, फिर भी तू चुपचाप पड़ा है। तेरा कर्मक्षेत्र बड़ा है, पल पल है अनमोल। अरे भारत! उठ, आंखें खोल..! उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में अगर कहा जाता तो ऐसे कहते- अवसर तेरे लिए खड़ा है, तू आत्मविश्वास से भरा पड़ा है, हर बाधा हर बंदिश को तोड़, अरे भारत आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़।
‘कोरोना की लड़ाई जीतने का यश भारत को जाता है’
अपने भाषण में पीएम ने कहा कि कोरोना की लड़ाई जीतने का यश किसी सरकार को नहीं जाता है, किसी व्यक्ति को नहीं जाता है लेकिन हिंदुस्तान को तो जाता है। गर्व करने में क्या जाता है? विश्व के सामने आत्मविश्वास से बोलने में क्या जाता है?
महामारी के दौरान वैश्विक संबंधों को मजबूत किया है- पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने महामारी के दौरान वैश्विक संबंधों में एक स्थिति और छवि को मजबूत किया है। यही नहीं, इसी अवधि के दौरान इसने हमारे संघवाद को भी मजबूत किया है।
भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र ही नहीं, बल्कि इसकी जननी है – पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र को लेकर यहां काफी उपदेश दिए गए हैं। लेकिन मैं नहीं मानता कि जो बातें यहां बताई गईं हैं, उसमें देश का कोई भी नागरिक भरोसा करेगा। भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं है कि जिसकी खाल हम इस तरह से उधेड़ सकते हैं। भारत लोकतंत्र की जननी है, भारत का प्रशासन लोकतांत्रिक है, इसकी परंपरा, संस्कृति, विरासत, और इच्छाशक्ति लोकतांत्रिक है, जो हमें एक लोकतांत्रिक देश बनाता है।
‘हमारा लोकतंत्र एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है। ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है। भारत का इतिहास लोकतांत्रिक संस्थानों के उदाहरणों से भरा पड़ा है। प्राचीन भारत में 81 गणतंत्रों का वर्णन मिलता है। भारत का राष्ट्रवाद न तो संकीर्ण है, न स्वार्थी है, न आक्रामक है। ये सत्यम, शिवम, सुंदरम मूलों से प्रेरित है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर – पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर है। भारत की कृषि उपज एक रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। हम इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के मामले में दूसरे स्थान पर हैं और हर महीने, हम यूपीआई के माध्यम से 4 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन करते हैं। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत शीर्ष पांच देशों में से एक बन गया है।
किसान आंदोलन की मूलभूत बात पर किसी ने चर्चा नहीं की – पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है। ज्यादा से ज्यादा समय जो बात बताई गईं वो आंदोलन के संबंध में बताई गई। किस बात को लेकर आंदोलन है उस पर सब मौन रहे। जो मूलभूत बात है, अच्छा होता कि उस पर भी चर्चा होती।
‘फसल बीमा योजना के तहत किसानों को हुआ फायदा’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि फसल बीमा योजना के तहत छोटे और बड़े किसानों को 90,000 करोड़ रुपये उनके खाते में दिए गए हैं। हम फैसला किया है कि हम हर किसान और मछुआरे को किसान क्रेडिट कार्ड देंगे। अब तक 1.75 करोड़ किसानों को क्रेडिट कार्ड मिल गया है।