विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को आंध्रप्रदेश में कहा पिछले एक वर्ष भारतीय सेना के कमांडरों ने अपने चीनी समकक्षों के साथ नौ दौर की वार्ता की है और वे भविष्य में भी वार्ता जारी रखेंगे. इससे पहले जनवरी महीने में करीब ढाई महीने के अंतराल के बाद भारत और चीन की सेना के बीच नौवें दौर की वार्ता हुई थी. कोर कमांडर स्तर की इस वार्ता का उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ना था.
अधिकारियों ने बताया कि उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की ओर मोल्दो सीमावर्ती क्षेत्र में दस बजे शुरु हुई. इससे पहले, छह नवंबर को हुई आठवें दौर की वार्ता में दोनों पक्षों ने टकराव वाले खास स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने पर व्यापक चर्चा की थी. वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजी.के. मेनन कर रहे हैं.
दोनों पक्षों में सहमती
पिछले दौर की बातचीत के संयुक्त बयान का हवाला देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि दोनों पक्ष संबंधित देशों के नेताओं की महत्वपूर्ण सहमति का पालन करने और वार्ता की गति बनाए रखने को लेकर राजी हुए. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और चीन ने जल्द ही वरिष्ठ कमांडर-स्तर की बैठक के अगले दौर को आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की है और दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य माध्यमों से करीबी संपर्क बनाए हुए हैं.
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लगभग 9 महीनों से सीमा पर गतिरोध बना हुआ है. राजनयिक और सैन्य वार्ता के कई दौर हो चुके हैं लेकिन अब तक कोई बड़ी सफलता हासिल नहीं हुई है. मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों पक्षों ने जल्द ही वरिष्ठ कमांडर स्तर की बैठक के अगले दौर को आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की है और हम इस संबंध में राजनयिक और सैन्य माध्यमों से करीबी संपर्क में हैं. दोनों पक्षों के बीच सैन्य वार्ता के आठवें बातचीत छह नवंबर को हुई थी जिसमें दोनों पक्षों ने टकराव वाले सभी बिंदुओं से सैनिकों की वापसी पर व्यापक बातचीत की थी.