नई दिल्ली। मोदी सरकार ने इस साल के अपने नौवें बजट में आयकर छूट के मामले में मध्यम वर्ग को कोई विशेष राहत नहीं दी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वास्थ्य सेवा, बुनियादी ढांचे और अन्य क्षेत्रों पर अधिक जोर दिया है। वहीं उम्मीदों को लेकर बैठे देश के टैक्सपेयर्स को बजट में निराश हुई।
इसका मुख्य कारण यह है, क्योंकि केंद्रीय बजट 2021 में आम नागरिकों के लिए आयकर स्लैब में कोई बदलाव की घोषणा नहीं की गई है। सिर्फ बुजुर्गों को भले ही आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन कुछ महीने पहले लागू हुए एक नियम से सरकारी कर्मचारियों को जरुर फायदा मिल सकता है।
दरअसल बीते साल सरकार ने नई कर व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को नियोक्ताओं से प्राप्त यात्रा भत्ते पर आयकर से छूट का दावा करने की सुविधा दी। इसके लिये केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आयकर नियमों में बदलाव किया।
सीबीडीटी द्वारा किये गये संशोधन के बाद कर्मचारी कुछ चुनिंदा मामलों में आयकर से छूट का दावा कर सकते हैं। इनमें यात्रा या स्थानांतरण के खर्च के लिये भत्ता, यात्रा भत्ता या कोई अन्य भत्ता, सामान्य कार्यस्थल से अनुपस्थिति की स्थिति में एक कर्मचारी को दैनिक खर्च पूरा करने के लिये दिया जाने वाला भत्ता आदि शामिल है।
सीबीडीटी ने यह भी स्पष्ट किया है कि अनुलाभ के मूल्य का निर्धारण करते समय नियोक्ता द्वारा प्रदत्त वाउचर ;पेडद्ध के माध्यम से मुफ्त भोजन और गैर-मादक पेय के संबंध में कोई छूट नहीं मिलेगी। इसके अलावा, नेत्रहीन, मूक, बधिर अथवा हड्डियों से दिव्यांग कर्मचारी 3,200 रुपये प्रति माह के परिवहन भत्ते में छूट का दावा कर सकते हैं।