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मोदी सरकार आज से सस्ते दाम पर सोना बेच रही, इस साल कम दाम पर खरीदने का आखिरी मौका!

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शेयर बाजार में लगातार हो रहे उतार चढ़ाव के बाद सोने—चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। फिलहाल तो लगातार बाजार में गिरवाट के चलते लोगों के पैसे डूब रहे हैं। इसी बीच निवेशको के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। सोने में निवेश के लिए यह वित्तीय वर्ष 2019-20 में आखिरी मौका है।

दरअसल मोदी सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2019-20 में निवेश के लिए तारीख का ऐलान कर दिया है। सरकार की ओर से गोल्ड बॉन्ड में निवेश की यह 10वीं सीरीज है। सोमवार को निवेशक गोल्ड बॉंड में निवेश कर सकेंगे। बताया गया कि गोल्ड बॉंड में निवेशक 2 मार्च से 6 मार्च तक निवेश कर सकते हैं।

आरबीआई की ओर से जारी सूचना के अनुसार गोल्ड बॉन्ड 2019-20 में निवेशकों को 2 मार्च से 6 मार्च तक निवेश करने का मौका दिया गया है। यह चालू कारोबारी साल की आखिरी सीरीज है। इस बार गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 4,260 रुपए प्रति ग्राम तय किया गया है। निवेश आवेदन का सेटलमेंट 11 मार्च 2020 को हो जाएगा, यानी निवेशकों को इस दिन बॉन्ड मिल जाएगा।

गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वाले निवेशकों को मोदी सरकार ने एक और ऑफर दिया है। अबर निवेशक ऑनलाइन तरीके से आवेदन और भुगतान करते हैं, तो उन्हे 50 रुपए प्रति 10 ग्राम की छूट भी मिलेगी। छूट के बाद गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस प्रति ग्राम 4,210 रुपए हो जाएगा।

बता दें, दिल्ली में शनिवार को सोने का भाव 42,870 रुपये प्रति 10 ग्राम था। यानी प्रति 10 ग्राम के लिहाज से नए सीरीज का गोल्ड बॉन्ड 770 रुपए सस्ता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्‍कीम के तहत सोना खरीदकर घर में नहीं रखा जाता है बल्कि बॉन्‍ड में निवेश के तौर पर इस्‍तेमाल करना होता है? बॉन्‍ड आधारित सोने की कीमत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से तय होती है।

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना की शुरूआत साल 2015 में की थी। इस योजना की सीरीज के तहत समय—समय पर लोगों को गोल्ड बॉन्ड खरीदने का मौका दिया जाता है, ताकी वे शेयर बाजार में आपना पैसा निवेश कर सकें और अपने नुकसान को कवर कर सकें। इसकी खासियत यह है कि गोल्‍ड बॉन्ड की कीमत बाजार में चल रहे रेट से कम होती है।

गोल्‍ड बॉन्ड की बिक्री बैंकों, डाकघरों, एनएसई और बीएसई के अलावा स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के जरिए होती है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्‍कीम का मकसद सोने की फिजिकल डिमांड को कम करना है। ग्राहकों को लुभाने के लिए गोल्‍ड बॉन्ड की कीमत बाजार में चल रहे रेट से कम होती है। जैसे-जैसे सोने की कीमतों में इजाफा होता है, वैसे ही गोल्ड बॉन्ड के निवेशकों को भी इसका फायदा मिलता है। ये बॉन्‍ड पेपर और इलेक्‍ट्रॉनिक फॉर्मेट में होते हैं, जिससे आपको फिजिकल गोल्‍ड की तरह लॉकर में रखने का खर्च भी नहीं उठाना पड़ता।