मध्य प्रदेश सरकार अब ऐसी भूमि का कब्जा लेने की तैयारी कर रही है, जिस पर भू-स्वामी खुद या किसी के माध्यम से पांच साल तक जमीन पर खेती नहीं करता और भू-राजस्व नहीं चुकाता है।
यहां तक कि जमीन मालिक गांव भी छोड़ देता है। तहसीलदार ऐसे मामलों में जांच के बाद जमीन का कब्जा लेकर एक बार में एक साल के लिए भूमि स्वामी की ओर से किसी को खेती के लिए पट्टे दे सकेंगे।
पांच साल के बीच अगर जमीन मालिक भूमि के लिए दावा करता है तो बकाया भुगतान करने पर उसे कब्जा वापस दिलवा दिया जाएगा। यह प्रावधान सरकार ने भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक के जरिए किया है, जिसे राज्यपाल लालजी टंडन ने मंजूरी दे दी है।
खेती की जमीन के खाली रहने, भू-राजस्व न मिलने और अतिक्रमण होने की कई शिकायतें सामने आई थीं। इसके मद्देनजर भू-राजस्व संहिता में संशोधन करके इस धारा को फिर से शामिल किया गया। इसके साथ ही आबादी क्षेत्र में भूमि स्वामी अधिकारों के निराकरण के लिए तहसीलदार को अधिकार दिए गए हैं।