ये वो महिलाये हैं जिन्होंने प्रदर्शन के नाम पर एक लम्बे समय से दिल्ली का एक पूरा इलाका जाम कर रखा है. उस इलाके में न तो वाहन जा पा रहे हैं और न ही किसी प्रकार का व्यपार आदि चल पा रहा है. वहां के स्कूल भी बंद करवा दिए गये हैं जिस से बच्चो के भविष्य का अनुमान सहजता से लगाया जा सकता है.. ऐसे में इन के ऊपर कड़ी कार्यवाही की मांग जहाँ पूरे देश में चल रही है तो वहीँ राजनीति इस मामले में कितना दखल दे रही है इसको नये बयान से समझा जा सकता है.
ये बयान आया है उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान समय में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की तरफ से. अखिलेश यादव राजनीति के वो चेहरे हैं जिन्होंने पुलिस का खुला विरोध और दंगाइयो का खुला समर्थन किया है. अब तक दंगाई महिमामंडित हो रहे थे तो अब उन्होंने सडको को जाम करने वाली महिलाओ को भारत की नारी शक्ति की सर्वश्रेष्ठ वीरांगनाओं में से एक रानी लक्ष्मीबाई का स्वरूप बता डाला है. इस बयान के बाद वो सोशल मीडिया पर ट्रोल भी हो रहे हैं.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने संवाददाताओं से कहा,”भाजपा नेता महिला विरोधी बयान जारी करते रहते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कन्नौज और फर्रुखाबाद में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था। शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विवादित टिप्पणी की निंदा करते हुए, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को संशोधित नागरिकता अधिनियम का विरोध करने वाली महिलाओं की तुलना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से की.