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सौंदर्यीकरण के नाम पर 1.89 करोड़ फूंके तालाब में पानी नहीं, फिर मांग रहे 98 लाख

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कोरबा – नगर निगम ने वार्ड क्रमांक 12 शारदा विहार में स्थित तालाब को रायपुर के मरीन ड्राइव के तर्ज पर सौंदर्यीकरण की योजना थी। इसके लिए निगम ने 1.89 करोड़ खर्च भी कर दिए गए। वर्ष फरवरी 2023 में लोकार्पण किया गया। इस दौरान तालाब के चारों तरफ सुरक्षा के लिए डिवाइडर के साथ रंगरोगन किया गया था। तालाब के किनारे महंगे फूल, फल और छायादार पौधे भी लगाए गए थे। अलग-अलग पांच स्थानों पर बोर की खोदाई कराई गई थी। आलम यह है कि करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी तालाब बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है। लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।

नगर निगम ने जलस्त्रोत के लिए एक के बाद एक करके पांच बोर खोदे गए। लेकिन इनमें से चार बोर सूखे निकले गए। महज एक बोर ही खोदाई में सफल हुआ, लेकिन इससे भी तालाब को भरने के लिए बोर चालू नहीं की जाती है। इस कारण तालाब खूसा पड़ा हुआ है। देखरेख के अभाव में तालाब के किनारे लगाए गए अधिकांश महंगे पौधे चौपट हो गए हैं। तालाब में बारिश का पानी बजबजा रहा है। करोड़ों रुपए के सौंदर्यीकरण तालाब में लोग अब कचरे फेंक रहे हैं। इससे सैंदर्यता खराब हो रही है। लोग परेशान हैं।
  • तालाब में गंदगी का आलम

तालाब में गंदगी का आलम है। बारिश का थोड़ा पानी तालाब रुका हुआ है। ऐसे में गंदगी के बीच बारिश का पानी बजबजा रहा है। यह आसपास में रहने वाले लोगाें के लिए परेशानी का सबब बन गया है। गंदे पानी में मच्छर पनप रहे हैं। इसका लोगों के स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है। इसे लेकर लोगों में नाराजगी है।

  • नहर से तालाब में जल भरने की थी योजना

तालाब में जलस्त्रोत के लिए निगम ने पावर हाउस रोड स्थित नहर से पानी के लिए लाने की योजना थी। इसके लिए शासन को 98 लाख रुपए का प्रस्ताव भेजा गया था। इस बीच प्रदेश में नई सरकार आ गई। अब यह योजना ठंडे बस्ते पर चली गई है। इससे आसपास में रहने वाले लोगाें की परेशानी बढ़ गई है।

  • असामाजिक तत्वों का डेरा

तालाब का साैंदर्यीकरण लोगाें के सुबह और शाम हरीयाली के बीच घुमने के लिए किया गया था। तालाब में पानी नहीं होने की वजह से लोगों की आवाजाही नहीं होती। इसका फायदा अब असामाजिक तत्व उठा रहे हैं। लोग तालाब के किनारे बैठकर शराबखोरी करते हैं। बोतल व अन्य कचरे वहीं छोड़कर चले जाते हैं।

  • अफसल बोर पर पत्थर ढंककर छोड़ा

तालाब में पानी के लिए जिन पांच बोर को खोदा गया है। इसे व्यवस्थित रुप से ढंकने की बजाए एक पत्थर ढंककर छोड़ दिया गया है। आसपास में रहने वाले लोगाें ने किसी तरह का हादसा नहीं हो, इसके लिए कुछ बोर को ईंट और सीमेंट से ढंका गया है, लेकिन कुछ बोर अब भी खुला पड़ा हुआ है। इसमें एक पत्थर रख दिया गया है।