बेंगलुरु: इसरो चीफ के. सिवन ने नए साल के मौके पर देशवासियों के सामने इस साल के लक्ष्य और योजनाएं पेश कीं। साल 2020 में गगनयान और चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च करेगा।
इसके साथ ही इसरो चीफ ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के जरिए हमारी कोशिश देशवासियों के जीवन को और बेहतर बनाने की है। इसरो प्रमुख ने बताया कि दो महत्वपूर्ण प्रॉजेक्ट्स के लिए काफी तैयारी बीते हुए साल में ही कर ली गई है।
इसरो चीफ के. सिवन ने कहा कि चंद्रयान-3 को सरकारी अनुमति मिल गई है। चंद्रयान-3 एकदम चंद्रयान-2 जैसा होगा। लेकिन इसबार सिर्फ लैंडर-रोवर और प्रोपल्शन मॉडल होगा।
चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से इसमें मदद ली जाएगी
इसमें ऑर्बिटर नहीं भेजेंगे, क्योंकि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से इसमें मदद ली जाएगी। 2019 में गगनयान प्रोजेक्ट पर काफी काम हुआ है। 2020 पूरा का पूरा गगनयान के लिए चुने गए चार एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग में जाएगा। एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग रूस में होगी।
इसरो चीफ के. सिवन ने बताया कि चंद्रयान-2 का लैंडर बहुत तेज गति होने की वजह से सही नेवीगेट (दिशा और रास्ता) नहीं कर पाया और इसकी वजह से हार्ड लैंडिंग हुई। ये गलत आरोप लगाया जा रहा है कि चंद्रयान-2 की असफलता की वजह से अन्य सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग में देरी हुई है, ऐसा नहीं है।
आसान नहीं है ये मिशन
सैटेलाइट्स लॉन्च करने के लिए रॉकेट्स बनाने होते हैं। जैसे ही हमारे पास रॉकेट होता है हम लॉन्चिंग कर देते हैं। लेकिन, मार्च तक हम वो सारे सैटेलाइट्स लॉन्च कर देंगे जो 2019 के अंत तक तय किए गए थे।
गगनयान प्रोजेक्ट के शुरुआती पड़ाव के तहत अनमैन्ड (मानवरहित) मिशन इस साल करने प्लानिंग है। अगर काम पूरा होगा तो इसे पूरा करेंगे, नहीं तो अगले साल करेंगे।
ये मिशन इतने आसान नहीं होते कि अचानक से कर दिए जाएं। इनके लिए बहुत तैयारी करनी होती है. जरा सी भी चूक बड़ा नुकसान कर सकती है। इसलिए गगनयान प्रोजेक्ट में सतर्कता से काम किया जा रहा है।