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घाटी में इंटरनेट बंद से बेहाल पाकिस्तान, आतंकियों तक मैसेज पहुंचाने के लिए बना रहा ये प्लान…

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पाकिस्तान को सर्दियों के मौसम में आतंकियों की घुसपैठ करा पाने में कोई कामयाबी नहीं मिल रही लेकिन इन सर्दियों का इस्तेमाल वह आतंकियों के कम्युनिकेशन को दुरुस्त करने में जुटा है. ख़ुफ़िया रिपोर्ट में इस बात ख़ुलासा हुआ है कि हाल ही में आईएसआई (ISI) ने आतंकी तंजीमों के साथ एक बैठक की. इस बैठक में यह फ़रमान जारी किया गया कि घाटी में मौजूद आतंकियों और तंजीमों में शामिल हुए नए आतंकियों को नए कोड और उन्हें डीकोड करने की ट्रेनिंग दी जाए.

दरअसल, पाकिस्तान से जो भी फ़रमान घाटी में आतंकियों के लिए जारी किए जाते हैं वो किसी न किसी कोड के जरिए दिए जाते हैं. लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के हाथों से बच नहीं पाते, आतंकियों के इस कोड्स को डीकोड कर भारतीय सुरक्षाबल आतंकियों को ढेर कर देते हैं. अब इससे परेशान आईएसआई आतंकियों के लिए नए कोड वर्ड बना रही है. यही नहीं इन कोड्स को कैसे आतंकी आसानी से डीकोड करें उस पर ज़ोर देने की क़वायद की जा रही है.

आतंकियों की भर्ती का फरमान जारी
दरअसल पहले तो आतंकी तंजीमें युवाओं को आसानी से सीमा पार ले जाकर उन्हें ट्रेनिंग दिया करती थीं. लेकिन कुछ सालों से ये सब बंद है. आतंकी युवाओं को बहला फुसलाकर आतंकी तंजीमों में शामिल करते हैं. थोड़ी बहुत ट्रेनिंग देते हैं और आतंकी वारदातों में झोंक देती हैं. इस मीटिंग में भारत विरोधी प्रोपेगेंडा और युवाओं को बहका कर आतंकी तंजीमों में शामिल करने में तेज़ी लाने का फ़रमान भी जारी किया किया गया है. 

इस तरह आतंकियों को भेजे जा रहे थे मेसेज
इससे पहले भारतीय सेना ने पाकिस्तान की एक बड़ी साज़िश का भंडाफोड़ किया जब गुरेज के दूसरी ओर मिनिमार्ग/तौबत में पाकिस्तान की VHF ट्रांसमिशन टावर पकड़ा था. VHF यानी वेरी हाई फ़्रीक्वेंसी ट्रांसमिशन जिसे अल जेहाद रेडियो भी कहा जाता है इसके जरिए मुजाहिद तराना ब्रॉडकास्ट किया जाता है साथ ही आतंकी तंजीमों को तरानों के बीच कोड वर्ड में मैसेज भी भेजे जाते हैं.

ज़्यादातर कश्मीर में मौजूद लश्कर, जैश और अल बद्र के आतंकियों को संदेश भेजने के लिए इस VHF टावर का इस्तेमाल किया जाता था. बाक़ायदा आतंकी तंजीमों के लिए अलग-अलग कोड भी है जैसे अगर लश्कर के लिए मैसेज भेजना है A3 का कॉल साइन इस्तेमाल किया जाता है, जैश के लिए 66/88, अल बद्र के लिए D9 कॉल साइन का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा भी अलग-अलग तरीक़े के कॉल साइन या फिर कोड आतंकी इस्तेमाल करते हैं.

इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए आतंकी कर रहे ये काम
अनुच्छेद 370 के बाद से एहतियातन कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट बंद है. लैंडलाइन चल रहे हैं लेकिन फ़ोन पर इंटरनेट नहीं चल रहा है. ऐसे में घाटी में मौजूद आतंकी पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से बात करने के लिए उन जगहों पर जाते हैं जहां मोबाईल इंटरनेट चल रहा है. सूत्रों की मानें तो पिछले कुछ समय में पठानकोट में इस तरह की गतिविधियां नोट की गई है. जब घाटी से आतंकी या फिर उनके ओवर ग्राउंड वर्कर पठानकोट आकर इंटरनेट कॉलिंग से जरिए पाकिस्तान में बैठे अपने अपने तंजीमों के कमांडरों से संपर्क साधने की कोशिश करते हैं.

घुसपैठ में नाकाम पाक कर रहा है सीजफायर का उल्लंघन
ठंड में बर्फबारी के दौरान कश्मीर से तो घुसपैठ बंद हैं ऐसे में आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को जारी रखने के लिए अब पाकिस्तान की सेना जम्मू की तरफ़ से कोशिश जारी रखे हुए है और जिसके लिए लगातार गोलीबारी कर सीजफायर का उल्लंघन कर रही है. हाल ही में पाकिस्तान की सेना की ओर से किए गए सीजफायर उल्लंघन की जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तान सेना के दो जवान ढेर कर दिए. अगर हम आंकड़ो पर नजर डालें तो पाकिस्तान की तरफ़ से इस साल अब तक 3200 से भी ज़्यादा बार सीज फायर उल्लंघन किया गया, जो कि पिछले साल के मुक़ाबले दोगुना है.

साल 2018 में 1610 बार पाकिस्तान ने सीजफायर उल्लंघन किया था. पाकिस्तान की तरफ़ से लगातार उरी, अखनूर, कृष्णाघाटी, केरन और पुंछ सेक्टर में ज़्यादा फ़ायरिंग की जा रही है जिसका भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है.