कश्मीर पर चीन की पैंतरेबाजी को भारत ने अपने कूटनीतिक प्रयास से विफल कर दिया है। चीन ने एक बार फिर यूएन में कश्मीर पर चर्चा का प्रस्ताव किया था। भारत ने कूटनीतिक स्तर पर चीन का दांव विफल करने के लिए सभी सहयोगी देशों से संपर्क किया।
फ्रांस ने स्पष्ट रूप से भारत का समर्थन करते हुए कहा है कि हमारा मानना है कि यह भारत और कश्मीर के बीच द्विपक्षीय मामला है। फ्रांस के कूटनीतिक सूत्रों ने कहा कि चीन के प्रस्ताव पर फिलहाल अभी चर्चा नहीं होगी। गौरतलब है कि चीन ने कश्मीर पर एक बार फिर से चर्चा का प्रस्ताव दिया था। बंद कमरे में होने वाली चर्चा पर कोई मतदान नहीं होता। सूत्रों ने कहा कि भारत ने अपने सभी सहयोगी देशों से इस संबंध में संपर्क किया था। भारत ने चीन से भी अपनी नाखुशी जाहिर की थी। सूत्रों ने कहा कि चीन के प्रस्ताव को पहले भी संयुक्त राष्ट्र में कोई तवज्जो नहीं मिली थी। ज्यादातर देशों ने भारत के रुख का समर्थन किया था।
लेकिन पाकिस्तान के दबाव में चीन ने एक बार फिर इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की है। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान सभी अंतरराष्ट्रीय फोरम का दुरुपयोग अपने पक्ष में करना चाहता है। चीन उसकी इस मुहिम में साथ देगा तो भारत भी उचित तरीके से अपनी बात रखेगा। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान और चीन की कश्मीर पर गलबहियां की कोशिश कामयाब नहीं होगी। ज्यादातर देश भारत का रुख समझते हैं।