अगर आप दूध और दूध से बनी चीजों का रोजाना इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है. क्योंकि फूड रेगुलेटर FSSAI ने डेयरी (FSSAI Milk Standards 2019) और दूध से जुड़ी कंपनियों के लिए कड़े नियम बनाए हैं. नए आदेश के मुताबिक, मवेशियों के चारे का BIS सर्टिफाइड होना जरूरी होगा. इस साल के मिल्क सर्वे में बड़ी कंपनियों के दूध में एंटीबायोटिक और बाकी कैमिकल पाए जाने के कुछ मामलों के सामने आने के बाद यह फैसला किया गया है.
जून 2020 से लागू होंगे नए नियम
मवेशियों के चारे का BIS सर्टिफाइड होना जरूरी होगा. National Milk Survey में बड़ी दूध कंपनियों के सैंपल में एफ्लाटॉक्सिन एम-1और बाकी कैमिकल पाए जाने के बाद FSSAI ने नया आदेश जारी किया है. आपको बता दें कि कुछ सैंपल में पेस्टीसाईड और हेवी मेटल भी पाए गए थे. FSSAI ने कैटल फीड के स्टैंडर्ड्स बनाए हैं. दरअसल खराब चारे की वजह से दूध में कैमिकल्स पाए जाते हैं. इसीलिए अब BIS मार्क वाले चारे का इस्तेमाल अनिवार्य हो गया है.
क्या करता है एफएसएसएआई (What is FSSAI)
देश में खाना बनाने, स्टोर करने, डिस्ट्रीब्यूट करने, विदेशों से भारत में लाना और बेचने संबंधी सभी नियम ये फूड रेग्युलेटर तय करता है. एफएसएसएआई, भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आता है. इसका हेड क्वाटर्स दिल्ली में स्थित है जो राज्यों के खाद्य सुरक्षा अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को लागू करने का काम करता है.
इसके अलावा यह देश के सभी राज्यों, जिला एवं ग्राम पंचायत स्तर पर खाद्य पदार्थों के उत्पादन और बिक्री के तय मानक को बनाए रखने में सहयोग करता है. साथ ही यह समय-समय पर खुदरा एवं थोक खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच भी करता है.